मधेपुरा/बिहार : बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ के बैनर तले 102 एंबुलेंस कर्मचारियों का सात दिवसीय हड़ताल पांचवें दिन मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरान जिला इकाई के सभी आपातकालीन चिकित्सकीय सलाहकार एवं चालक सदर अस्पताल परिसर से निकल कर शहर के मुख्य बाजारों में भिक्षाटन करते हुए समाहरणालय परिसर पहुंचकर समाहरणालय परिसर में भी भिक्षाटन किया एवं अधिकारियों को गुलाब फूल देकर अपनी मांगों से अवगत कराया।
मौके पर उपस्थित जिला अध्यक्ष शकील अहमद सिद्धकी ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति, पीडीपीएल एवं सम्मान फाउंडेशन के द्वारा 102 एंबुलेंस कर्मचारियों का शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक शोषण किया जा रहा है। वहीं उन्होंने अपने आठ सूत्री मांगों को लेकर कहा कि एनएचएम गर्मी तथा संजीवनी डाटा ऑपरेटर की तरह हम सभी एंबुलेंस कर्मियों को अशोक चौधरी कमेटी में शामिल कर नियमित नियुक्ति किया जाए। 14 माह से लगातार 12 घंटे ड्यूटी ली जा रही है लेकिन वेतन आठ घंटे का भी नहीं दिया गया है। अतिरिक्त कार्य का अतिरिक्त भुगतान किया जाए। एंबुलेंस कर्मियों को जिला स्वास्थ्य समिति में पुणः समायोजित किया जाए। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा नियुक्ति पत्र एवं वेतन पर्ची उपलब्ध करवाया जाए। सभी कर्मियों का जीवन बीमा करवाया जाए और अंग भंग होने पर पांच लाख, मृत्यु होने पर 10 लाख मुआवजा दिया जाए।
वहीं सचिव शंकर कुमार ने कहा कि श्रम अधिनियम 1948 की धारा 13 एवं 08 के तहत एवं बिहार न्यूनतम मजदूरी नियमावली 1951 की धारा 23, 25 एवं 26 के तहत वेतन भुगतान किया जाए। साथ ही साथ ठेकेदारी प्रथा बंद किया जाए. ठेकेदारी प्रथा में जो मानव व्यापार किया जा रहा है, उस पर रोक लगाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो हम लोग बाध्य होकर सभी बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ के आपातकालीन चिकित्सकीय सलाहकार एवं चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इस बीच जो घटना घटित होगी, उसकी सारी जिम्मेदारी जिला स्वास्थ समिति के वरीय पदाधिकारी और संबंधित कंपनी के पदाधिकारी की होगी।
मौके पर प्रमोद मंडल, विमल कुमार, अमरेंद्र कुमार, दीपक कुमार, राजेश कुमार, शैलेंद्र कुमार, वीरेंद्र कुमार, दीपक कुमार, बद्री कुमार, कामेश्वर पोद्दार, राजेश सिंह, जयप्रकाश गुप्ता, नीरज कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।