मधेपुरा : एंबुलेंस कर्मियों का हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, किया अर्धनग्न प्रदर्शन, जमकर लगाए सरकार विरोधी नारे

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ इटक एम्बुलेंस कर्मी का हड़ताल दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। हड़ताल के दूसरे दिन एंबुलेंस कर्मचारियों ने सदर अस्पताल परिसर में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया।

 मौके पर उपस्थित संघ के जिला अध्यक्ष शकील अहमद सिद्धकी ने कहा कि पिछले 14 माह से लगातार 12 घंटे की ड्यूटी ली जा रही है। जबकि वेतन मात्र 8 घंटे की ही भुगतान किया जा रहा है। अभी तक कोई नियुक्ति पत्र एवं वेतन पर्ची भी नहीं दिया गया है। पिछले 14 माह से इनके वेतन से कर्मचारी भविष्य निधि कर्मचारी राज्य बीमा के मद में लाखों रूपये की कटौती की गई है। जिसको अभी तक संबंधित कोष में जमा नहीं कराया गया है।

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 इस प्रकार पूर्व में मेसर्स ऑन वीडियो ऑन व्हील्स लिमिटेड सरोजिनी नगर नई दिल्ली द्वारा लाखों रूपये कर ली गई और एंबुलेंस कर्मी भविष्य निधि के पैसे के लिए मोहताज बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस बार भी यही घटना दोहराई तो इसकी सारी जवाबदेही प्रधान नियोजक के रूप में राज्य स्वास्थ्य समिति की होगी। श्रम कानूनों को दरकिनार करते हुये इन कर्मियों को सप्ताहिक अवकाश से भी वंचित रखा जा रहा है। इन कर्मियों को कोई भी पर्व जैसे दीपावली, होली, ईद एवं अन्य पर्व में भी कोई छुट्टी नहीं दी जाती है और छुट्टी के दिन कार्य करने पर भी किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त वेतन भी नहीं दिया जाता है, जो श्रम कानूनों का स्पष्ट रुप से उल्लंघन है।

वहीं जिला सचिव शंकर कुमार ने कहा कि पूरे जिला में कुल 24 एम्बुलेंस है। मैसर्स जैन वीडियो ऑन व्हील्स लिमिटेड सरोजिनी नगर नई दिल्ली के द्वारा इन एंबुलेंस कर्मियों का अगस्त 2013 से छह फरवरी 2014 तक का भुगतान भी नहीं किया गया है। मई 2012 से जुलाई 2013 के वेतन से ईपीएफ का अंशदान की कटौती की गई गई। लेकिन संबंधित कर्मियों को अभी तक भविष्यय निधि की राशि का भुगतान प्रधान नियोजक होने के नाते बिहार राज्यय स्वास्थ्य समिति द्वारा क्यों नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में जैन वीडियो ऑन व्हील्स लिमिटेड के विरुद्ध कार्रवाई करने की जिम्मेदारी किसकी है और प्रधान नियोजक होने के नाते राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के द्वारा इस भवन के विरुद्ध कौन सी कार्रवाई की गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ समिति को इसका जवाब देना चाहिए कि आखिर कर्मियों की भरपाई कैसे होगी। कर्मचारी ने मांग किया है कि भ्रष्ट रीजनल मैनेजर प्रमोद का अभिलंब तबादला किया जाए। जब कोई एम्बुलेंस कर्मी हक की आवाज उठाते है तो उसे तुरंत कंपनी से डरा धमकाना शुरू हो जाती है।

सभी एम्बुलेंस कर्मी ने बताया कि एंबुलेंस में ना ही कोई दवाई की सुविधा है और ना ही ऑक्सीजन की सुविधा है। अक्सर एंबुलेंस की ऐसी व्यवस्था है कि जैसे मानो कबाड़ी खाना से लाया गया वाहन है। किसी एम्बुलेंस की दरवाजा खराब है तो किसी के टायर ठीक नहीं है। जिला एम्बुलेंस कर्मी अध्यक्ष शकील अहमद सिद्दकी ने बताया कि एक सप्ताह की यह हड़ताल है। अगर हम सभी की मांग पूरी नहीं हुई तो इसे अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जायेगा।

मौके पर मो शकील अख्तर, मो नौशाद, जुबेर आलम रामदेव कुमार ,ओम प्रकाश कुमार ,फुल चंद्र यादव, प्रभु शंकर प्रमोद कुमार, अमित कुमार, अजय कुमार ,ब्रह्मदेव मंडल, दिलीप कुमार, विनोद कुमार ,बद्री कुमार, भीम शंकर, एवं अन्य एंबुलेंस कर्मी मौजूद थे।

इधर एम्बुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। खासकर गंभीर मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लाने व ले जाने में निजी गाड़ियों का सहारा लेना पड़ेगा। एम्बुलेंस सेवा बाधित होने से मरीजों विशेषकर गर्भवतियों को अस्पताल पहुंचने में दिक्कत हुई। एम्बुलेंस के अभाव में ऑटो का सहारा लेना पड़ा। प्रसव के लिए ऑटो व रिक्शा से गर्भवती को लाने में परिजनों के पसीने छूट गये। मनमाने भाड़े से जेब भी ढीली होती रही।


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