दरभंगा/बिहार : केन्द्र सरकार द्वार पेश किए गए आज के बजट की दरभंगा ज़िला में मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। एक तरफ जहाँ सत्तापक्ष के विधायक संजय सरावगी, जीवेश मिश्रा, पूर्व विधायक गोपाल जी ठाकुर, डॉ मुरारी मोहन झा ने इस बजट को जनहित, किसानहित और देशहित में बताया है।
वही भाजपा से निष्कासित दरभंगा के सांसद कीर्ति झा आज़ाद ने कहा है कि बजट में युवाओं के साथ छल किया गया है। रोजगार सृजन के लिए बजट पर कोई प्रावधान नहीं किया गया है। पिछले पांच वर्षों से प्रतिवर्ष 2-2 करोड़ युवाओं को नौकरी का वादा फिसड्डी साबित हो चुका है और कालेधन वापसी को लेकर बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि 2018 में बेरोजगारी दर अबतक के शीर्ष 6.1 प्रतिशत पहुंच गई है जो पिछले 45 साल में सबसे अधिक है। भारत बेरोजगारी के मामले में विश्व में एक नम्बर पर है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए जो घोषणा की गई है उससे निराशा हाथ लगेगी। वहीं उच्च शिक्षा में सुधार के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
उधर भाकपा माले ने भी कहा कि देश के आंदोलनरत मजदूरों किसानों बेरोजगारों आदि के साथ छलावा है। जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि बजट में 2 हेक्टेयर यानि पांच एकड़ तक के किसानों को 6 हजार वार्षिक अनुदान का आश्वासन दिया गया है। जबकि देश के किसान सीटू प्लस आधार पर लागत मूल्य से डेढ़गुणा कीमत और तमाम कर्जों की माफी पर लम्बे समय से आंदोलित हैं। इस बजट में मोदी सरकार ने किसानों की घोर उपेक्षा की है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा बजट में कटौती करके शिक्षा के निजीकरण के अभियान को ही मजबूत बनाया गया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट में पिछले बजट की तुलना में राशि घटा दी गई है। माले ने आरोप लगाया कि बेरोजगार युवाओं के लिए बजट में कुछ नहीं कहा गया है।