दरभंगा/बिहार : जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंंह ने आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में जन्म से लेकर पूरा जीवन महिलाओं को भेद-भाव का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि बालिका दिवस इस वजह से मनाया जाता है कि वर्तमान भेद-भाव की परंपरा में कितना सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि बेटियां बेटो से बढ़कर माता-पिता के परिवार को संभालती है और विवाह के बाद भी माता-पिता से लगाव कम नही रहता है। फिर भी समाज में लोगों को बेटियों से ज्यादा बेटा होने की आकांक्षा रहती है। उन्होंने कहा कि इस सोंच में बदलाव की जरूरत है।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाल विवाह गैर कानूनी ही नहीं अमानवीय भी है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि महिलाओं से हो रहे भेद-भाव को दूर करने का प्रयास सबसे पहले महिलाओं के स्तर से ही हो।
इस अवसर पर कार्यक्रम में अजमतुन निशा, अलका आम्रपाली, अराधना सहित कई संबंधित अधिकारी मौजूद थे।