चौसा/मधेपुरा/बिहार : प्रखंड अंतर्गत लौआलागान के पचरासी स्थान में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले राजकीय बाबा विशु राउत मेला और नवनिर्मित मंदिर का उद्घाटन इस वर्ष संभवतः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे ।इस बाबत आवाम का कहना है कि मुख्यमंत्री को हेलिकॉप्टर के बजाय सड़क मार्ग से पचरासी स्थल आना चाहिए । विकास का ढिंढोरा पीटने वाले सुशासन बाबू को हवा के बजाय जमीन पर चलना चाहिए ताकि उन्हें तथाकथित विकास की हकीकत पता चल सके ।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री के संभावित दौरे के मद्देनजर विगत दिनों मधेपुरा के जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला तथा एसपी संजय कुमार सहित तमाम उच्चाधिकारी पचरासी स्थल का दौरा कर चुके हैं। अधिकारियों के दौरे की खबर प्रकाशित होते ही आम लोगों तरह-तरह की मांग करने लगे हैं।लौआलागान निवासी शम्भू प्रसाद सिंह कहते हैं कि बड़ी खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री जी पचरासी आएंगे, लेकिन मेरा कहना है कि उच्च न्यायालय, पटना के माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय ने मधेपुरा जिला की सड़कों को देख कर जो कुछ कहा और स्वतः संज्ञान लिया उसकी पडताल खुद मुख्यमंत्री को करना चाहिए । उन्हें हवा से नहीं बल्कि जमीन पर चलकर आना चाहिए ताकि विकास के ढोल की पोल खुल सके।
सनद रहे कि माननीय मुख्य न्यायाधीश ने पिछले दिनों उदाकिशुनगंज दौरा के बाद कहा था कि मैंने मधेपुरा की सड़कों पर चलकर जीते जी वैतरणी पार कर लिया । उन्होंने यहां की खस्ताहाल सड़कों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है । लिहाजा श्री सिंह ने तंज करते हुए कहा कि विकास का ढिंढोरा पीटने वाले मुख्यमंत्री जिला मुख्यालय मधेपुरा से सड़क मार्ग से बाबा विशु राउत स्थान पचरासी पहुंचे और अपने विकास की गंगा वैतरणी देख लें , जिसमें यहां की जनता रोज गोते लगाती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का वादा था कि ऐसी सड़के बनाऊंगा कि राज्य के किसी भी गांव से राजधानी पहुंचने में महज 6 घंटे लगेंगे । लेकिन यहां तो चौसा प्रखंड के लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने में 3 से 4 घंटे लग जाते हैं ।
उक्त बाबत प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि आज जब मुख्यमंत्री का आगमन हो रहा है तो जिला के तमाम अधिकारी हरकत में आ गए और इस सड़क को जल्द ठीक करने का फरमान सुना गए । श्री यादव ने कहा कि स्पष्ट है सुशासन के सिपहसालारों जनता की नहीं बल्कि मुख्यमंत्री की फिक्र है । उन्होंने कहा कि इतने दिनों से यहां के आम लोग इस सड़क से परेशान हैं तो जिला अधिकारी को उनकी परेशानी नजर नहीं आई; लेकिन मुख्यमंत्री के आने की संभावना के बाद इस सड़क को ठीक करने की बात सामने आ गई।
ग्रामीण विनय कुमार ने कहा कि माननीय मुख्य न्यायाधीश कुछ घंटों के लिए मधेपुरा की सड़कों पर चले और उन्होंने कहा कि मैं वैतरणी पार कर गया, लेकिन इस सड़क पर सैकड़ों बार यहां के सांसद, यहां के विधायक और प्रतिनिधि का आवागमन होता है जिन्हें कुछ भी नजर नहीं आई।यह बड़े ही शर्म की बात है यहां की सड़कों के संबंध में हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा ।उन्होंने भी मुख्यमंत्री से हेलीकॉप्टर के बजाय सड़क मार्ग से आने की मांग दुहराया । मोहम्मद गुलजार कहते हैं कि जब से नेता लोग हेलीकॉप्टर से सफर करने लगे हैं तब से इस क्षेत्र की सड़कों की हालत खस्ता हो गई है। पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क ? इसलिए नेता को सड़क पर चलना चाहिए ना कि हवा में।
बहरहाल चौसा -उदाकिशुनगंज सड़क की खस्ता हालत के मद्देनजर जनता का आक्रोश चरम पर है । यह आक्रोश मुख्यमंत्री के सभा के दौरान विरोध में भी तब्दील हो सकता है ।