उदाकिशुनगंज/मधेपुरा/बिहार : सेविका एवं सहायिका संघ के प्रखंड अध्यक्ष कुमारी प्रमिला देवी के नेतृत्व में हड़ताल के 24 वें दिन उदाकिशुनगंज बाल विकास परियोजना के सभी सेविका एवं सहायिका सरकार की नीति के खिलाफ और अपनी 15 सूत्रीय मांगों के समर्थन में सड़क पर उतर जमकर नारेबाजी की एवं कल्याण विभाग के मंत्री कृष्णानंद वर्मा का अर्थी जुलूस निकाला।
कल्याण मंत्री कृष्णा नंद वर्मा का अर्थी जुलूस बाल विकास परियोजना कार्यालय से बैंक चौक, चौसा चौक होते हुए पटेल चौक तक निकालकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध विरोध प्रदर्शन किया। तय कार्यक्रम के अनुसार पटेल चौक पर संघ की अध्यक्ष कुमारी प्रमिला ने मुखाग्नि देकर विधिवत रूप से कल्याण मंत्री कृष्णा नंद वर्मा का अंतिम संस्कार किया।
मौके पर प्रदर्शन कर रहे आंगनवाड़ी सेविका सहायिका शारदा कुमारी, कविता कुमारी सिंह, कुमारी वंदना, संयोगिता कुमारी, अपर्णा कुमारी, रंजना कुमारी, रिंकी देवी, कल्पना कुमारी, सरिता कुमारी, बेबी कुमारी, लक्ष्मी भारती, पूजा कुमारी, विद्या कुमारी, सविता कुमारी, रेनू कुमारी, सोनी देवी, कुमारी नीलम, द्रोपति देवी, शाहनवाज बेगम, हसीना खातून, कुलसुम जेवा, पार्वती देवी, उषा कुमारी, उर्मिला कुमारी, शीला देवी, सुनीता कुमारी, रिता कुमारी, बेबी ठाकुर, उर्वशी कुमारी, अनिता कुमारी, अंजू कुमारी, सुनीता कुमारी, सुशीला कुमारी सहित अन्य कई सेविका और सहायिकाओं ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अंधी और बहरी सरकार बताया।
प्रदर्शन कर रहे आंगनवाड़ी कर्मियों ने कहा की एक तरफ मुख्यमंत्री महिला शशक्तिकरण की बात कह कर उसके हित और अधिकार की दंभ भरते हैं, वहीं उनके ही शासन काल में महिला कर्मी अपने हक और अधिकार के लिए सड़क पर पहुँच चुकी है। प्रदर्शन कर रहे आंगनवाड़ी महिला कर्मियों ने केन्द्र सरकार से भी हस्तक्षेप करने की मांग की। सेविकाओं ने कहा कि सरकार बेलगाम होकर अंग्रेजी हुकूमत के तर्ज पर दमनकारी नीति के तहत काम कर रही है जोकि किसी भी किमत पर नहीं चलेगी। संघ के प्रखंड अध्यक्ष कुमारी प्रमिला ने कहा की निम्नतम मानदेय पर भी सभी स्तर के कार्य को करने के बावजूद राज्य सरकार सेविका सहायिका के प्रति कठोर रुख अपनायी हुई है।
उन्होनें राज्य सरकार पर वादाखिलाफी और दोहरी नीति का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगो को लेकर गंभीर नहीं है। कुमारी प्रमिला ने गोवा सरकार के तर्ज पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दिये जाने सहित अन्य मांगो को भी जोरदार तरीके रखी। प्रदर्शनकारी आंगनवाड़ी कर्मियों ने साफ शब्दों में कहा कि अब आर और पार की लड़ाई शुरू हो गयी है। जबतक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जाता है और न्यूनतम मानदेय 18 हजार रुपए तय नहीं किए जाते हैं तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। सेविका और सहायिका ने साफ शब्दों में कहा कि अनिश्चित कालीन हड़ताल के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों में ताला बंद रहेंगे। यदि सरकार उनकी मांगो पर फिर विचार नहीं करती है तो 8 और 9 जनवरी को जिला में रेल का चक्का जाम किया जाएगा।