खगड़िया/बिहार : गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीपी मण्डल सेतु का उद्घाटन कर उत्तर बिहार के लोगों को तोहफा दिया। कोशी, खगड़िया, बेलदौर सहित पूरे उत्तर बिहार के लिए आज का दिन काफी ख़ुशी का दिन रहा, जहां सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने उत्तरबिहार के लाइफलाइन कहे जाने वाले बीपीमण्डल सेतु पर केबुल एक्सेज पुल के पुनस्थापित कर बेलदौर सहित उत्तरी बिहार के लगभग आठ साल के बनवास पर विराम लगा दिया । मुख्यमंत्री ने दोपहर 12:46 बजे रिमोर्ट से उक्त पुल के शिलापट्ट का अनावरण कर खगड़िया को सौगात दी । इसके साथ ही बीपीमण्डल सेतु पर चारचक्का सहित भारी वाहन फर्राटा भरते केबुल एक्सेज पुल पर गुजरने लगे। लंबे इंतजार के बाद सड़क मार्ग से खगड़िया और उत्तरी बिहार के जुड़ने से लोगों में काफी खुशी का माहौल है। पुल पर आवागमन शुरू होने से बेलदौर से राजधानी की दूरी 110 किमी से अधिक की दूरी घट गई है।
तकरीबन साढ़े आठ साल से टापू बना बेलदौर प्रखंड पुल उद्धाटन के साथ ही अनुमंडल मुख्यालय गोगरी और जिला मुख्यालय खगड़िया से सीधे जुड़ गया। बेलदौर की 16 पंचायतें और ढाई लाख की आबादी के लिए भी आज ऐतिहासिक दिन रहा। न सिर्फ बेलदौर के लिए बल्कि कोसी के सहरसा, सुपौल और मधेपुरा के लिए भी यह पुल विशेष है।
दोपहर बारह बजकर सत्ताईस मिनट पर मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर उतरने के साथ जदयू के राज्य परिषद सदस्य अशोक सिंह, साधना देवी जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, दीपक सिन्हा, राजेश सिंह, सहित जिले के सभी प्रखण्ड अध्यक्षों ने पुष्पगुच्छ के साथ सीएम नीतीश कुमार का स्वागत हेलीपैड पर किया । उसके बाद मंच पर जदयू जिलाध्यक्ष सुनील कुमार ने मुख्यमंत्री को एक तैलचित्र समर्पित किया । ततपश्चात नूतन सिंह, राजेश सिंह अनिल सिंह, त्रिभुवन सिंह भाजपा के जिलाध्यक्ष अर्जुन शर्मा सहित एनडीए के सभी जिलाध्यक्षों ने माला के साथ मुख्यमंत्री का अभिवादन किया ।तत्पश्चात मुख्यमंत्री द्वारा रिमोर्ट दबाकर शिलापट्ट का अनावरण किया गया ।
इस अवसपर पर डीप्टी सीएम सुशील मोदी एवं पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव के अलावा जदयू एमएलसी सोनेलाल मेहता, खगाड़िया सांसद चैधरी महबूब अली कैशर, सिमरी बख्तियारपुर विधायक दिनेश चंद्र यादव,रेणु कुशवाहा, सम्राट चैधरी सहित एनडीए के कई दिग्गज नेता भी मौजूद थे ।
29 अगस्त 2010 को पुल हुआ था क्षतिग्रस्त: कोसी व बागमती नदी के संगम स्थल पर बने डुमरी पुल 20 अगस्त 2010 को क्षतिग्रस्त हुआ था। बताया जाता है कि कोसी के भीषण कटाव के कारण पुल का पाया धंसने लगा था। इस कारण डुमरी पुल का एक्सपेंशन गैप बढ़ गया था। आनन- फानन में जिला प्रशासन के निर्देश पर पुल पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लग गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने 17 करोड़ की लागत से डुमरी पुल के समानांतर एक अस्थायी स्टील पुल का निर्माण कराया था। लेकिन वह भी 19 अगस्त 2013 को कोसी की तेज धारा में बह गया।