दरभंगा/बिहार : आज मिल्लत कॉलेज में प्रोफेसर भक्ति नाथ झा जो 31 दिसंबर 18 को सेवानिवृत्त होंगे उन के उपलक्षय में समाजशास्त्र विभाग के छात्र एवं छात्राओं एवं छात्र संघ के द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह ने किया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं द्वारा पेपर प्रस्तुत किया गया और बच्चों और बच्चियों के व्याख्यान मनुष्य के जीवन में शिक्षा का महत्व सुना। ऐसा लगा के अब प्रतिभा की कमी नहीं है बस उसे निखारने की जरूरत है।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह प्रधानाचार्य के एस कॉलेज ने अपने संबोधन में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और कहा के ऐसे दौर में जब शिक्षक चुपचाप सेवानिवृत्त हो जाते हैं बच्चों के द्वारा ऐसा प्रोग्राम करना एक चमत्कार है। इससे भक्ति बाबू के शख्सियत का अंदाजा लगता है। कार्यालय सचिव कन्हैया जी ने भी इसी संबंध में अपनी बात रखी। वरिष्ठ शिक्षक डॉ रिज़वानुल्लाह और कॉलेज के शिक्षक एमसी मिश्रा ने भी सभा को संबोधन किया। अंत मे डॉक्टर भक्ति झा ने बच्चों का धन्यवाद किया और कहा के बच्चे हमारे अनमोल रत्न है और जब भी बच्चों को हमारी जरूरत पड़ेगी मैं हाजिर रहूंगा। उन्होंने अपने कार्यकाल का वर्णन किया और कहा कि आज के बच्चों का संबोधन सुनकर मैं बाग बाग हो गया हूं। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैंने अपना सफल जीवन कॉलेज में व्यतीत किया। प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह ने कहा कि शिक्षा की दौलत सबसे बड़ी दौलत है। शिक्षा की दौलत जिसको मिल गई वही खुशनसीब है। इलम आदमी को इंसान बनाता है ईलम बांटने से नहीं घटती है बल्कि इसमें बढ़ोतरी होती है। राष्ट्रगान के साथ प्रोग्राम का समापन किया गया।