वैशाली/बिहार : जिले के लाल शशांक शेखर ने यूपीएससी द्वारा आयोजित इण्डियन इन्जीनियरिंग सर्विसेज परीक्षा 2018 मे इलेक्ट्रॉनिक ऐन्ड टेलीकॉमनिकेशन ब्रांच मे देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर गांव, जिला, राज्य एवं देश का नाम रौशन किया।
शशांक वैशाली जिले के भगवानपुर थाना के विशुनपुर बान्दे गांव के निवासी विनय कुमार सिंह उर्फ रंजन सिंह के पुत्र हैं। शशांक बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है। उसने प्रारंभिक और इन्टरमीडियट तक की शिक्षा गांव में ही प्राप्त किया है। मैट्रिक की परीक्षा 2005 में उसने 75 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपने विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उसके बाद इन्टरमीडिएट की परीक्षा 2008 मे 73.89 प्रतिशत अंक प्राप्त कर वैशाली जिला मे टाँप किया था।
शशांक ने बताया कि उसने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रॉनिक ऐन्ड टेलीकॉमनिकेशन ब्रांच मे एमटेक करने के बाद उसका कैम्पस सलेक्शन हुआ और बंगलौर की साइप्रेस सेमीकंडक्टरस कम्पनी में जाँब करने लगा ।जाँब करते हुए उसने गेट परीक्षा पास कर यूपीएससी द्वारा आयोजित इण्डियन इन्जीनियरिंग सर्विसेज 2018 की परीक्षा में सम्मिलित हुआ और प्रथम प्रयास में ही अपने ब्रांच मे देश मे प्रथम स्थान प्राप्त किया। कहते हैं अगर इमानदारी से कड़ी मेहनत की जाये तो मंजिल दूर नही। शशांक के पिता विनय कुमार सिंह एक किसान और माता प्रेमशीला कुमारी गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में नियोजित शिक्षिका हैं। शशांक एक मध्यम परिवार के होते हुए सारी कठिनाइयों से जुझते हुए देश के उच्च शिखर पर पहुंचा। उसकी सफलता से माता-पिता, दादा-दादी, भाई बहन के साथ पूरे गांव में खुशी की लहर है। मां खुशी मे बेटे को मिठाईयाँ खिला रही है, साथ ही आने जाने वाले लोगों के बीच भी मिठाईयाँ बांटी जा रही है।
शशांक ने बताया कि उसकी सफलता मे माता-पिता के साथ उसके छोटे दादा श्यामकिशोर सिंह जी की अहम योगदान है। इनलोगों ने हमेशा उन्हें हौसला बढ़ाने का काम किया। शशांक की सफलता पर आसपास के लोग भी गौरव महशूस कर रहे हैं।।