बिहार के बेगूसराय जिले के बछवारा प्रखंड में गांव है भरौल, बिहार के अन्य गांवों की तरह ही साधन विहीन अभाव में अविरल एक सामान्य सा गांव है, जहां विगत एक दशक से एक युवा सुभाष ईश्वर कंगन छठ के समय ग्रामीण अंचल में मकई के खेतों में बॉलीवुड सितारों का जमवाड़ा लगाते है। वह भी बिना किसी स्वार्थ के न किसी से चंदा लेते है और ना किसी के आगे गिड़ गिड़ाते है। अपने पैसे से एक वृहत आयोजन करते है और इस आयोजन की धमक बिहार ही नहीं पूरे देश और विदेशों तक में भी पहुंच गई है।
इस बार भी एक शानदार आयोजन किया गया था इसमें सुदेश भोसले समेत देश के कई नामचीन बॉलीवुड कलाकारों व हरियाणवी डांसर सपना चौधरी को भी बुलाया गया था। इसी दौरान सपना चौधरी का जब कार्यक्रम चल रहा था। भीड़ अनियंत्रित हो गई और स्थिति बेकाबू हो गई जैसा कि प्रशासन की तरफ से दावा किया गया कि इस दौरान वहां तीन लाख के करीब दर्शकों का हुजूम था। पंडाल के ऊपर तक लोग चढ़ चुके थे और पंडाल गिर गया। वहीं से भगदड़ मच गई कार्यक्रम देख कर लौट रहे एक युवक की मौत टेंपो पलटने से हो गई।
बरसों से कंगन से खार खाए उनके विरोधियों ने इस मौत को आयोजन स्थल पर हुई भगदड़ से जोड़कर एक कुत्सित प्रयास में किया जो बेहद शर्मनाक है। अगर कोई.व्यक्ति बहुत ही बेहतर कार्य कर रहा है तो उसको प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ना कि मिथ्या प्रचार कर उसकी छवि को धूमिल कर आने वाले दिनों में ऐसे साहसिक कार्य करने वाले लोगों का मार्ग अवरूद्ध करना चाहिए। कंगन पर निशाना साधने वाले विरोधियों को भरौल में जाकर बिहार के पहले कैशलेस हॉस्पिटल और बेगूसराय में 50,000 से ज्यादा गरीब लोगों के निशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन की भी पड़ताल करनी चाहिए जो बेगूसराय के इस युवा ने बरसों तक अपने खून पसीने की कमाई से एक सराहनीय पहल के रूप में स्थापित किया है।