मधेपुरा/बिहार : पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने शनिवार को अपने पिता स्व. चंद्र नारायण प्रसाद जी की स्मृति में गरीबों के लिए विशेष योगदान दिया। आनंद मार्ग की रीति से आयोजित श्राद्ध कर्म के दौरान खुर्दा में गरीबों के लिए चंद्रनारायण प्रसाद स्मृति सेवा सदन नामक एक विवाह भवन समर्पित किया। यह विवाह भवन उन गरीब परिवारों के लिए समर्पित है, जो अपने बच्चों की शादी या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। इसके साथ ही, सांसद पप्पू यादव ने अपने पिता के नाम पर गरीबों के लिए दो एम्बुलेंस भी समर्पित कीं, ताकि जरूरतमंदों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
गरीबों के आर्थिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण योगदान : अपने पिता की स्मृति में पप्पू यादव ने सिर्फ सामाजिक योगदान तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए। सांसद यादव ने गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 20 गाय, 300 बकरियां, और 200 सिलाई मशीनें दान कीं। इन संसाधनों से लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और वे अपनी आजीविका स्वयं अर्जित कर सकेंगे।
समर्पण समारोह में विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति : इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान कई विशिष्ट अतिथि भी मौजूद थे। सांसद पप्पू यादव के जीजा, डॉ. जितेंद्र सिंह, सहरसा के महेशी विधायक गूँजेश्वर शाह, और पूर्व विधायक दिनेश यादव ने भी इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और गरीबों के उत्थान के इस प्रयास की सराहना की। सभी ने स्व. चंद्र नारायण प्रसाद जी के आदर्शों और उनके समाज सेवा के प्रति समर्पण को याद किया।
इस अवसर पर सांसद पप्पू यादव ने कहा कि मेरे पिता स्व. चंद्र नारायण प्रसाद जी ने हमेशा समाज के वंचित और गरीब वर्ग के लोगों की मदद की और उन्हें सशक्त बनाने के लिए काम किया। उनके इन्हीं आदर्शों को आगे बढ़ाते हुए, आज मैंने यह विवाह भवन, एम्बुलेंस, और आर्थिक सहायता के रूप में गाय, बकरियां, और सिलाई मशीनें समर्पित की हैं। मेरा प्रयास है कि समाज के हर जरूरतमंद को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिले, ताकि वे अपनी आजीविका खुद कमा सकें और सम्मान के साथ जीवन यापन कर सकें।”
उन्होंने आगे कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं अपने पिता के दिखाए हुए रास्ते पर चलते हुए समाज सेवा कर पा रहा हूं। गरीबों की सहायता और उनका उत्थान मेरे जीवन का मुख्य उद्देश्य है, और मैं उनके जीवन में कुछ बदलाव लाने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह प्रयास मेरे पिता की स्मृति को समर्पित है और मैं इस दिशा में निरंतर काम करता रहूंगा, ताकि उनके आदर्शों को साकार कर सकूं।