नैतिकता और धार्मिक ज्ञान के अभाव में भटके रहे हमारे युवा – रमेश मुनी

Sark International School
Spread the news

मुरलीगंज/मधेपुरा/बिहार : पैदल चलकर मुरलीगंज पहुंचे श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ के मुनी ने मानवीय जीवन बेहतर जीने का संदेश दिया। हंसराज बाफना प्रांगण में रविवार की शाम अमृत वचन से श्रद्धालुओं को नैतिक मूल्यों के बारे में विस्तार से बताया।
बोथरा परिसर में प्रेस वार्ता आयोजित कर उन्होंने बताया कि हम महावीर की जन्म तपोभूमि साधना भूमि बिहार में विचरण कर रहे हैं। हम जैनी संत हैं, पैदल भ्रमण करते हैं, चार दिन पूर्व मुरलीगंज पहुंचे हैं। अपने बारे में उन्होंने कहा कि मैं मुनि रमेश कुमार मेरा जन्म राजस्थान के सरदार शहर में हुआ और मैं 15 वर्ष की उम्र में तेरापंथ धर्म संघ के नवे आचार्य तुलसी के हाथों से दीक्षा ली और आचार्य महाप्रज्ञ जी के शासनकाल में मुझे ग्रुप लीडर बनाया गया, भारत के अनेक प्रांतो में हमने पदयात्रा की है, हरियाणा पंजाब बिहार चंडीगढ़ उड़ीसा गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक पांडिचेरी जहां भी जाते हैं, वहां सद्भावना और भाईचारे का संदेश देते हैं, उन्होंने कहा कि जैसा इस शहर का नाम है वैसे ही यहां के लोग हैं, सत्संग के प्रति संतों के प्रति उनकी असीम अवस्था है, इन चार दिनों में लोगों को हम जैन धर्म तेरापंथ के बारे में बताते रहे और जब तक आत्मा में धर्म की परिभाषा प्रस्फुटित नहीं होती। उन्होंने बताया कि धर्म को हम मन में ही नहीं उनका जीवन के साथ जिएं। नैतिकता आए प्रमाणिकता आए सौहार्द और सद्भावना प्रेम है वह रहनी चाहिए परिवार का माहौल सुखद रहना चाहिए तभी व्यक्ति खुशहाल और टेंशन मुक्त रह सकता है।
आज समाज में हिंसा के बढ़ते सवाल पर उन्होंने कहा कि आज विश्व में हर तरफ हिंसा का माहौल दिख रहा है। वैसे यूक्रेन रूस के युद्ध को लीजिए चाहे हमास और इजरायल के युद्ध को लीजिए, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, समाधान अहिंसा के मार्ग पर ही मिलता है, युद्ध और हिंसा का परिणाम कभी भी अच्छा नहीं रहा है, अंत में टेबल वार्ता के दौरान ही समाधान मिल पाता है।
युवाओं में बढ़ते नशे के दुष्प्रभाव एवं नशे के कारण हो रही हिंसा के जवाब में उन्होंने कहा कि आज युवाओं को शिक्षा तो बहुत तरह से दी जा रही है लेकिन धार्मिक और नैतिक शिक्षा का अभाव होने के कारण उनमें संस्कारों की कमी हो गई है। आज देश का युवा वर्ग भटका हुआ है। आज वह ड्रिंकिंग स्मोकिंग न जाने कितने व्यसनों में घिरा हुआ है। हमारा तेरापंथ के आचार्य महाश्रवण द्वारा इस विषय को लेकर के पूरे हिंदुस्तान की यात्रा और युवाओं का हमारा धर्म संघ का संगठन है। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद और हर जगह उसकी शाखाएं रहती है तो हम कोशिश करते हैं कि जैन समाज के और जैन समाज के आसपास में रहने वाले युवा है वह किसी भी तरह के नशे से ना रहे और उनके समय-समय पर शिविर लगाए जाते है तरह-तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं, कॉन्फ्रेंस से की जाती है जिससे हमारा युवा वर्ग है वह जागृत रहे प्रयास करना है।
मिथिलेश कुमार की रिपोर्ट


Spread the news
Sark International School
Sark International School