मुरलीगंज/मधेपुरा/बिहार : शहर की निगरानी के लिए लाखों रुपए की लागत से लगाये गये कैमरो मे से अधिकांश सीसीटीवी कैमरे खराब हो गए हैं। जिस मकसद से शहर के विभिन्न जगहों पर नगर पंचायत की ओर से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे वह अब तक केवल खानापूर्ति साबित हुई है। अक्टूबर 2022 में कैमरा लगाने के एक साल बाद ही रखरखाव के अभाव मे अधिकतर सीसीटीवी कैमरा काम करना बंद कर दिया है।
जानकारी अनुसार शहर में कुल 87 सीसीटीवी कैमरा नपं के द्वारा लगवाया गया है। जिसमें से वर्तमान समय मे लगभग दो दर्जन ही कैमरा काम कर रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि शहर में लगे अधिकतर सीसीटीवी कैमरा हाथी का दांत है। कैमरा खराब होने के पीछे इसका सही तरीके से मोनिटरिंग नहीं किया जाना बताया जा रहा है। लोग नगर पंचायत की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़ा कर रहे है। कहना है कि इतनी संख्या में लगे सीसीटीवी कैमरा के खराब होने के बावजूद इसे दुरुस्त कराने की दिशा में नपं द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जानी समझ से परे है। साथ ही सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने में भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है।
आपराधिक घटनाओं में भी हो रहा है इजाफा : सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने के पीछे शहर की तमाम गतिविधियों के साथ-साथ शहर में लगातार घटित हो रही आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाना मकसद था। लेकिन कैमरा खराब रहने के कारण बदमाश आसानी से घटना को अंजाम देकर शहर से निकल जाते हैं। आगे दुर्गा पूजा को लेकर जहां प्रशासन पूरी तैयारी कर रही है। वहीं शहर में लाखों के लागत से लगे सीसीटीवी कैमरा का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
बीडीओ सह प्रभारी कार्य पालक पदाधिकारी नगर पंचायत, आशा कुमारी ने बताया कि खराब हुये कैमरो की मरम्मती के लिये टेक्नीशियन रखकर सही करवाया जायेगा। हलांकि शांति समिति की बैठक मे भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। बारिश की वजह से भी कई कैमरे खराब हो जाते है, सभी को जल्द सही करवाया जायेगा। उपमुख्य पार्षद आनंद कुमार उर्फ श्याम ठाकुर ने कहा कि शहर मे कुल 87 कैमरे लगे हुए है। लेकिन इसमे से मात्र 19 कैमरा ही काम कर रहा है। कैमरे को ठीक करवाने के लिये टेक्नीशियन मंगवाया जा रहा है।
मिथिलेश कुमार की रिपोर्ट