मधेपुरा/बिहार : नई शिक्षा नीति 2020, चार वर्षीय स्नातक कोर्स, शुल्क वृद्धि वापस लेने, शिक्षा के निजीकरण एवं सांप्रदायिकरण पर रोक लगाने के लिए संघर्ष तेज करने के आह्वान के साथ एआईएसएफ का 12वां जिला सम्मेलन बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित वेदव्यास महाविद्यालय में संपन्न हुआ. संगठन के जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य डा आलोक कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में बदलाव अत्यंत ही खतरनाक है. उन्होंने कहा कि छात्र हमारे देश के भविष्य हैं. उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. एआईएसएफ के प्रांतीय उपाध्यक्ष व सम्मेलन के पर्यवेक्षक रजनीकांत यादव ने कहा कि देश में तमाम सर्वजनिक संपत्तियों के साथ शिक्षा भी बिक रहा है और हम चुप हैं. उन्होंने कहा कि यही गुलामी का संकेत है.
सजग एवं संगठित होकर अपने हक व अधिकार के लिए संघर्ष करें तेज :
रजनीकांत ने कहा कि सरकार सवाल से डरती है और सवाल वह कर सकता है, जो शिक्षित है. इसलिए आज शिक्षा को तवाह एवं बर्बाद किया जा रहा है. दूसरी ओर दल व जाति के आधार पर बनाये गये छात्र संगठन, छात्र हित के बदले राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि में लगी है. मुख्य अतिथि समाजसेवी चंद्रशेखर ने कहा कि बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर के अनुसार शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा वह दहारेगा. उन्होंने कहा कि साम्यवादी चिंतक राहुल सांकृत्यायन ने कहा कि धर्म गरीबों का सबसे बड़ा दुश्मन है. उन्होंने छात्रों से सजग एवं संगठित होकर अपने हक व अधिकार के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया. एआईएसएफ के पूर्व राज्य सचिव प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 छात्रों के साथ धोखा है. इसे नहीं रोका गया तो छात्रों का भविष्य अंधकार मय हो जायेगा.
एआईएसएफ को पुनः करनी होगी देश में छात्र आंदोलन की अगुवाई : प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि एआईएसएफ का गौरवशाली इतिहास है. पढ़ाई-लड़ाई साथ साथ, राष्ट्रपति हो या भंगी का संतान, शिक्षा हो एक समान की लड़ाई लड़ने वाला, देश की आजादी में अपनी कुर्बानी देने वाला छात्र संगठन है. इसे पुनः एक बार देश में छात्र आंदोलन की अगुवाई करनी होगी. किसान नेता रमन कुमार, पूर्व छात्र नेता दिलीप पटेल, बाल किशोर यादव, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने सम्मेलन का अभिनंदन करते हुए देश के व्यापक हित में एवं अपने हक एवं अधिकार प्राप्त करने के लिए छात्र आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया.
सम्मेलन में 25 सदस्य नई जिला परिषद गठित किया गया एवं राज्य सम्मेलन के लिए 10 प्रतिनिधि चयनित किये गये. सम्मेलन में सर्वसम्मति से पुनः एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे निर्वाचित हुये. वहीं जिला उपाध्यक्ष अभिल कुमार, रजी अहमद, प्रियंका कुमारी, शुभम स्टालिन, संयुक्त सचिव जियाउल हक, नीतीश कुमार, आदित्य कुमार व कोषाध्यक्ष मो इरशाद चुने गये.
अमित अंशु की रिपोर्ट