“मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत शत वंदन बिहार” के रूप में स्वर्णिम पहचान बना रहा बिहार

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मधेपुरा/बिहार : बिहार के एक सौ ग्यारहवें स्थापना दिवस पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ ने सबों को बधाई दिया है और संयुक्त पहल से विहार से बिहार बने राज्य को विकास पथ पर निरंतर नई पहचान की कामना की है। संगठन  के राष्ट्रीय परिषद् सदस्य सह बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि राज्य बनने से अब तक के सफर में  बिहार भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका और संथाल संस्कृतियों की अनेकता में एकता की मिसाल बना चुका है। दानवीर कर्ण के अंग साम्राज्य, प्रतापी जरासंध, बिम्बिसार, अजातशत्रु, चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक महान और प्रतापी गुप्त वंश के मगध साम्राज्य और वैशाली के पहले गणतंत्र का साक्षी रहा। यह भगवान महावीर और गुरु गोविन्द सिंह जी की जन्मभूमि, बुद्ध, चाणक्य और असंख्य सूफी संतों की कर्मभूमि रहा है।

वाम छात्र नेता राठौर ने कहा कि बिहार में देखने, समझने, महसूस करने और संजो कर रखने लायक बहुत कुछ है। बुद्ध की ज्ञान-स्थली बोधगया का बोधिवृक्ष, बोधि मंदिर और प्राचीन अवशेष, गया के फल्गु नदी के तट पर पितरों की मोक्ष-स्थली, नालंदा का प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय, राजगीर के मगध साम्राज्य और बुद्ध के काल के अवशेष, बसोकुंड की भगवान महावीर की जन्मस्थली और पावा पुरी का उनका निर्वाण-स्थल, विश्व के सबसे पहले गणतंत्र वैशाली में बुद्ध के काल के अवशेष, वैशाली, नंदनगढ़ लौरिया तथा केसरिया के बौद्ध स्तूप, भागलपुर का प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय, समुद्रमंथन का केंद्र बना बांका जिले का पौराणिक मंदार पर्वत, पटना के कुम्हरार और अगमकुआं के मौर्यकाल के अवशेष, सासाराम का शेरशाह का मक़बरा, पटना का तख़्त हरमंदिर साहिब, सीतामढ़ी के पुनौरा में देवी सीता की जन्मस्थली एवं जानकी कुंड, बाल्मीकि नगर का खूबसूरत टाइगर रिज़र्व, दुनिया का सबसे बड़ा पशुमेला सोनपुर, नवादा का सुप्रसिद्ध ककोलत जलप्रपात, मुंगेर के हवेली खड़गपुर की खूबसूरत झील और भीमबांध के गर्म जल के प्राकृतिक कुंड बिहार की अनमोल धरोहर हैं ,जो हमें वृहद स्तर पर समृद्ध बनाता है।

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वहीं दूसरी ओर  राठौर ने कहा कि बुद्ध,महावीर डॉ राजेंद्र प्रसाद, जय प्रकाश ने विहार से बिहार तक के सफर को यादगार सार्थकता सिद्ध की। बिहार राज्य गीत मेरे भारत के कंठहार ,,,तुझको शत शत वंदन बिहार और राज्य प्रार्थना मेरी रफ़्तार पर सूरज की किरणे नाज करे हमें आगे बढ़ने को उत्साहित व प्रोत्साहित करती हैं। आज राज्य बनने के एक सौ ग्यारह वर्षों के सफर में बिहार विभिन्न क्षेत्रों में विकास के पथ पर अग्रसर है और अनेकानेक क्षेत्रों में अपार संभावनाएं दृष्टिगोचर हैं जो सुखद संभावनाओं की ओर इंगित कर रहा है।

नियाज अहमद उर्फ महताब


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