मधेपुरा/बिहार : जिले के डिग्रीधारी रंगकर्मियों ने शनिवार को जिला अतिथि गृह में बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर को बिहार के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नाट्य शिक्षक की बहाली करने को लेकर ज्ञापन सौंपा. मंत्री को दिये गये आवेदन में रंगकर्मियों ने कहा कि उनलोगों ने नाट्यशास्त्र एवं रंगमंच की पढ़ाई की है, साथ ही नाट्यशास्त्र से स्नातक तथा स्नातकोत्तर की भी डिग्री प्राप्त की है.
उन्होंने बताया कि एनसीएफ 2005 में लोक कला एवं ललित कलाओं के अंतर्गत नाट्य विषय स्वीकृत है तथा एनसीएफ 2009 नई शिक्षा नीति में प्रत्येक शिक्षण संस्थान में नाटक के माध्यम से पढ़ाई पर जोर दिया गया है. इसकी पढ़ाई देश के अन्य राज्यों में हो रही है. सीबीएसई ने इसकी महत्ता को स्वीकारा है. जब एनसीएफ तथा नई शिक्षा नीति जोर दे रहा है, तो इन परिस्थितियों में नाट्य एवं रंगमंच की डिग्री धारक छात्रों को शिक्षण संस्थान में शिक्षक के रूप में नियुक्त करना अनिवार्य प्रतीत हो रहा है. रंगकर्मियों ने कहा कि जिस प्रकार ललित कला के अंतर्गत आने वाली हर कला जैसे संगीत, नृत्य, चित्रकला एवं मूर्तिकला का प्रशिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से जारी है. ऐसे ही ललित कला के अंतर्गत आने वाली कला रंगमंच की शिक्षा भी अनिवार्य प्रतीत होता है. नाट्य शिक्षकों को सभी शिक्षण संस्थानों में नियुक्त करने से शिक्षण के पद्धति को बेहतर से बेहतर आयाम दिया जा सकता है.
रंगमंच में डिग्रीधारी अमित आनंद, शहंशाह, सुनीत साना, अमित कुमार अंशु, गरिमा उर्विशा एवं मो आतिफ ने शिक्षा मंत्री से निवेदन किया कि बिहार के विद्यालय एवं महाविद्यालयों में शिक्षक के रूप में बहाल किया जाये. साथ ही उन्होंने बिहार सरकार के सात निश्चय योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को मिलनेवाले स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना से होनेवाली तमाम परेशानियों से भी अवगत कराया.
उन्होंने मंत्री को बताया कि छात्रों के नामांकन के वक्त उनके कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के लिए लोन आवेदन करने के बाद जब वे अपने कॉलेज एवं विश्वविद्यालय पढ़ने चले जाते हैं तो विभिन्न कारण बताकर कॉलेज व विश्वविद्यालय को लोन देने से मना कर देना छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. गरीब छात्र-छात्राएं सरकार की इस योजना को अपनी उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक रूप से संजीवनी समझते हैं, लेकिन बीच रास्ते में सरकार द्वारा नोटिस जारी कर लोन रोक दिया जाना छात्रों के लिए धोखा है. अभी वर्तमान में सरकार द्वारा नोटिस जारी कर देश के पांच विश्वविद्यालयों के लोन को रोक दिया गया है, जिस कारण वहां पढ़ने गये छात्रों व उनके अभिभावकों के समक्ष एक बड़ी आर्थिक समस्या खड़ी है गई है, हालांकि अभी भी बिहार सरकार की वेबसाइट पर उस विश्वविद्यालय का नाम ग्रीन जोन में ही है.