मधेपुरा/बिहार : सात शहीद की शहादत दिवस व अमर शहीद खुदीराम बोस की पुण्यतिथि के अवसर पर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ मधेपुरा के पदाधिकारियों ने उन्हें याद करते हुए नमन किया और साथ ही उनके सम्मान में वृक्षारोपण भी किया गया। संगठन के जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने कहा कि भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान 1942 में पटना सचिवालय पर ग्यारह अगस्त को दोपहर दो बजे झंडा फहराने निकले बिहार के सात लाडले शहीद हो गए लेकिन तिरंगा फहराने में सफल हुए उनकी शहादत व खुदीराम बोस का जोश युवाओं को आज भी प्रेरित करता है।
एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि राष्ट्रहित में सात शहीद रूपी छात्रों व खुदीराम बोस की कुर्बानी, आजादी के आंदोलन का स्वर्णिम अध्याय है जो हमेशा छात्र युवाओं को अपने राष्ट्रहित में मर मिटने का जोश पैदा करती है। सात शहीदों में चार शहीद छात्र, संगठन एआईएसएफ के छात्रों का होना, वाम छात्र युवा के गौरवशाली अतित का स्वर्णिम अध्याय है। खुदीराम बोस के उतने कम उम्र में विचार और देश पर मर मिटने की उत्सुकता आज भी रोमांचित कर देती है। राठौर ने कहा कि ऐसे नायकों को अधिक से अधिक जानने व पढ़ने की जरूरत है। पूर्व एआईवाईएफ जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार मुन्ना ने कहा कि वर्तमान समय में छात्र युवाओं में बड़े स्तर पर भटकाव आया है जो दिशाहीन होने का आधार बन रहा। ऐसे विषम परिस्थितियों में ऐसे नायकों के सोच, संकल्प, त्याग व बलिदान को अधिक से अधिक प्रचारित करने की जरूरत है।
जिला सचिव सौरव कुमार व युवा नेता ज्योतिष ने कहा कि एआईवाईएफ लगातार अपने गौरवशाली अतीत के स्वर्णिम अध्याय को संरक्षित व समृद्ध करने को तत्पर रहा है। सौरव ने सरकार से मांग किया कि 75 वीं वर्षगांठ के अवसर सरकार ऐसे महानायकों से जुड़ी बातों को योजनाबद्ध तरीके से लोगों के बीच ले जाए जिससे लोगों को अपने इतिहास से जुड़ने व प्रेरित होने का सुअवसर मिले।