बाबा साहेब का दर्शन “शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो” जीने ही राह दिखाता है

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चौसा/मधेपुरा/बिहार : डाॅ अम्बेडकर भारतीय लोकतंत्र के वास्तविक निर्माता थे। वे संविधान के साथ-साथ समतामूलक समाज व प्रगतिशील राष्ट्र निर्माता भी थे।

         उक्त बातें मुख्यालय स्थित महादेव लाल मध्य विद्यालय चौसा की प्रभारी प्रधानाध्यापिका मंजू कुमारी ने कही। वे आज गुरूवार को विद्यालय में आयोजित भारत रत्न डाॅ भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने समाज को भेद-भाव व छुआछूत से एक हद तक मुक्ति दिलाई। 

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            शिक्षक यहिया सिद्दीकी तथा प्रणव कुमार ने कहा कि बाबा साहब ने विपरीत परिस्थिति में भी जीने का कौशल सीखाया। सत्यप्रकाश भारती व भालचंद्र मंडल ने कहा कि बाबा साहेब का दर्शन ” शिक्षित बनो , संगठित हो और संघर्ष करो” जीने ही राह दिखाता है।

     ज्ञातव्य है बाबा साहेब की जन्म 14 अप्रैल 1891 ई को हुआ था। उनकी जयंती के अवसर पर विद्यालय में आयोजित समारोह में उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।  समारोह में वक्ताओं ने बाबा साहब के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।

       मौके पर शिक्षक सत्यप्रकाश भारती, यहिया सिद्दीकी, प्रणव कुमार, भालचंद्र मंडल, मंजर इमाम, शमशाद नदाफ, शिक्षिका श्वेता कुमारी, रीणा कुमारी, सोफिया शबनम सहित छात्रगण उपस्थित थे।

आरिफ आलम
वरीय संवाददाता,
चौसा, मधेपुरा

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