मधेपुरा/बिहार : सभी वार्ड पार्षदों ने बड़े संघर्षों के बाद वार्ड पार्षद निर्मला देवी को नगर परिषद का मुख्य वार्ड पार्षद बनाया. नगर परिषद में पहली बार निर्विरोध मुख्य पार्षद चुना गया. खासकर के 26 वार्ड पार्षदों में से 21 वार्ड पार्षदों के लंबे संघर्ष की जीत हुई थी. लगातार आंदोलन के बाद 21 वार्ड पार्षदों ने नगर परिषद के विकास के लिए एकजुटता दिखाते हुए निर्मला देवी को समर्थन दिया और मुख्य पार्षद बनाया. सभी वार्ड पार्षद चाहते थे कि नगर परिषद को एक अच्छा नेतृत्वकर्ता मिले, लेकिन वैसा नहीं हुआ. मुख्य पार्षद के द्वारा पार्षदों में असमानतायें की गई है. साथ ही असमानताओं का विरोध करने पर पार्षदों पर ही आरोप लगाया जा रहा है.
उक्त बातें बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान वार्ड नंबर दो की पार्षद विनिता भारती ने कही. उन्होंने कहा कि आरोप लगाने से पहले मुख्य पार्षद को एक बार सोच लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि असमानताओं को लेकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के समक्ष हुई वार्ता के क्रम में मुख्य पार्षद प्रतिनिधि ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि उनसे गलती हुई है. इसके बाद मुख्य पार्षद के द्वारा किस कारण पार्षदों को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. उनके द्वारा कहा जा रहा है कि करोड़ों की राशि खर्च करके मैं मुख्य पार्षद की कुर्सी पर बैठी हूं. विनिता भारती ने कहा कि मुख्य पार्षद नगर परिषद को धर्मशाला समझ ली है और लूट-खसोट करना चाहती.
उन्होंने कहा कि मुख्य पार्षद ने आज तक जितने भी मुख्य पार्षद बने उन्होंने अपना चेहरा चमकाने के लिए लाखों का बैनर-पोस्टर नहीं लगवाये, लेकिन इन्होंने नगर परिषद की राशि का दुरुपयोग करते हुए लाखों रुपयों की बर्बादी कर अपना चेहरा चमकाया है. उन्होंने कहा कि मधेपुरा नगर परिषद की जनता के साथ अन्याय को देख एवं मुख्य पार्षद के लूट-खसोट का जब विरोध किया गया तो उन्हें बुरा लग गया. उन्होंने कहा कि सभी वार्ड पार्षद नगर परिषद क्षेत्र के जनता का विकास चाहते थे, लेकिन उन्होंने सिर्फ अपना विकास किया है. नगर परिषद में कंबल बांटने की जगह अपने घर पर कंबल बांट रहे हैं और आगामी चुनाव की राजनीति कर रहे हैं. मुख्य पार्षद कहती हैं कि हमारे कार्यकाल में सड़कों पर लाइट लगी है, जबकि यह लाइट की योजना पूर्व के मुख्य पार्षद के कार्यकाल की थी. उन्होंने कहा कि मुख्य पार्षद के द्वारा पार्षदों पर यह आरोप लगाया गया है कि हम पार्षदों को महीना-महीना दक्षिणा देते थे तो वह खुश रहते थे, अब देना बंद कर दिये हैं तो इसलिए नाखुश हो गये हैं. मुख्य पार्षद, पार्षदों को खुश करने के लिए रुपया दिये हैं तो वह लोगों के समक्ष अपनी बातों को रखें और बतायें कि वह किन-किन पार्षदों को रुपया दिये हैं. अगर मुख्य पार्षद ने पार्षदों को खुश करने के लिए रुपया दिये हैं तो उनके संपत्ति की जांच होनी चाहिये और इस बात की भी जांच होनी चाहिये इतना रुपया उनके पास कहां से आया.
विनिता भारती ने कहा कि जब मुख्य पार्षद को लूटने को नहीं मिला तो वह बौखला गई है. नगर परिषद में गाड़ी सर रही है, मुख्य पार्षद को उसके रखरखाव की चिंता नहीं है, लेकिन उनका ध्यान नये गाड़ियों के क्रय-विक्रय पर लगा हुआ है, जिससे उनको पैसा बचे एवं अपने घर में उपयोग कर सके. मुख्य पार्षद ने नगर परिषद को फैमिली एंड कंपनी बना कर रख दिया है. उन्होंने कहा कि जब उनका विरोध किया जाता है तो उनके द्वारा पार्षदों को देश विरोधी एवं विकास विरोधी बताया जाता है. उन्होंने कहा कि गलत का विरोध करने से अगर देश विरोधी एवं विकास विरोधी का आरोप लगता है तो लगते रहे, लेकिन जब तक नगर परिषद को वह लूट का अड्डा बनाये रखेंगे, तब तक विरोध जारी रहेगा.