मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू में प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी और कुव्यवस्था से जुड़े बिंदुओं पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ की बीएनएमयू इकाई ने बिजली बोर्ड समीप संगठन के कार्यालय में एक अत्यावश्यक बैठक की। संगठन के पूर्व छात्र नेता व नवनिर्वाचित एआईवाईएफ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि शिक्षा शास्त्र विभाग में बीएड व एमएड विभाग में शिक्षकों की बहाली को लेकर 18 जनवरी को हुए इंटरव्यू के पन्द्रह दिन बाद भी चयनित शिक्षकों की सूची जारी नहीं करना योग्य प्रतिभाओं के बदले पैसों का खेल कर दूसरों और अपनों को सेट करने की योजना का संकेत दे रहा है। अगर सबकुछ साफ रहता और विभाग सहित विश्वविद्यालय कि नियत साफ रहती तो चयनित सूची तुरन्त प्रकाशित हो जाती क्योंकि फाइनल सूची पर एक्सटर्नल का हस्ताक्षर अत्यावश्यक होता है । एक्सटर्नल इंटरव्यू के अगले ही दिन चले गए लेकिन पन्द्रह दिन बाद भी सूची प्रकाशित नहीं होने से यह शंका प्रबल होने लगी है कि एक्सटर्नल से सादी सूची में हस्ताक्षर करवा कर वरीय पदाधिकारियों द्वारा अपने लोगों को बहाल करने की माथा पच्ची चल रही है ।
वहीं छात्र नेता राठौर ने बीते वर्षों में दो बार विज्ञापन निकाल आवेदन लेकर भी नन टीचिंग स्टाफ बहाली नहीं करने को घोर लापरवाही बताया। छात्र नेता राठौर ने छात्र हित की अनदेखी व लचर व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि पैट 20 की जहां 27 अगस्त को परीक्षा हुई वहीं रिजल्ट जारी करने में तीन माह से ज्यादा का समय लगा दिया उसमें भी कई खामियां उजागर होने पर रिजल्ट को वेबसाइट से हटाना पड़ा रिजल्ट हटाने के लगभग दो माह बाद भी संशोधित रिजल्ट रिजल्ट जारी नहीं किया गया जिससे एडमिशन प्रक्रिया अधर में लटका है अगर सबकुछ सही रहता तो अब तक कोर्स वर्क खत्म हो गया रहता। वाम युवा संगठन एआईवाईएफ जिला उपाध्यक्ष रेखा कुमारी ने निशुल्क शिक्षा के पालन में लापरवाही पर चर्चा करते हुए कहा कि महाविद्यालयों व पीजी विभागों में नामांकन के नाम पर एससी,एसटी व गर्ल्स से औने पौने की बात कर फीस लेना दुखद व कुव्यवस्था को दिखा रहा है जबकि सरकारी निर्देश है कि नामांकन के समय कोई शुल्क नहीं लेना है। उन्होंने कहा कि जब पिछली बार कोई शुल्क नहीं लिया गया तो फिर इस बार कौशल विकास शुल्क आदि के नाम पर फीस क्यों है। संगठन के राज्य परिषद् सदस्य सह पूर्व संयुक्त जिला सचिव सौरव कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में दिनों दिन हालात बद से बदतर होते जा रही है छात्रों का शोषण चरम पर है।छ साल से लगातार वादा कर भी विश्वविद्यालय परिसर का एकमात्र गर्ल्स हॉस्टल शुरू नहीं कर पाना वरीय पदाधिकारियों के लंबे लंबे भाषणों पर तमाचा है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व छात्र नेता व एआईवाईएफ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने कहा कि विश्वविद्यालय मधेपुरा सहित इस क्षेत्र की बहुमूल्य धरोहर है लेकिन दीमक रूपी चापलूसी करने वाले पदाधिकारियों के हावी होने से विश्वविद्यालय की छवि ही नहीं खराब हो रही बल्कि लोगों के बीच जहां आक्रोश बढ़ रहा है वहीं विश्वाश घट रही है। उन्होंने कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि अब संगठन शांत नहीं बैठेगा। सरस्वती पूजा के बाद वाम संगठन आंदोलन की क्रमबद्ध शुरुआत करेगा जो मांग पूरा होने तक जारी रहेगी। बैठक में उपस्थित छात्र छात्राओं ने विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में व्याप्त लचर व्यवस्था पर चर्चा करते हुए उसके समाधान के लिए एकजुट हो संघर्ष की बात की।सबने एक स्वर में कहा कि अगर इन मुद्दों के समाधान के लिए संघर्ष शुरू नहीं किया गया तो हालात और बद से अधिक बदतर हो जाएगी।
बैठक में छात्रा प्रीति, प्रिया, छात्र विकास, बमबम, मुकेश, चुनचुन, निशु, ललटू, सूरज, कुंदन, रमेश, विकाश, प्रणव और संजय आदि उपस्थित थे।