बिहार का कोटा काटकर यूपी एवं पंजाब में खाद देने वाली सरकार होश में आओ

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मधेपुरा/बिहार : खाद की किल्लत एवं कालाबाजारी के खिलाफ एमएसपी को कानूनी जामा देने एवं कृषि ऋण माफ करने आदि मांगों को लेकर बुधवार को महागठबंधन के तत्वावधान में जिला कृषि पदाधिकारी के समक्ष विशाल धरना दिया.

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धरना पर बैठे महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने सरकार एवं जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. राजद किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष प्रकाश कुमार पिंटू की अध्यक्षता में आयोजित धरना को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह सदर राजद विधायक प्रो चंद्रशेखर ने कहा कि खाद को लेकर किसानों में हाहाकार मची है, शराब की होम डिलीवरी हो रही है, खाद दुकानों पर लंबी लाइन लगी हुई है, लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी एवं राज्य की नीतीश कुमार की सरकार को शर्म नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि खाद के अभाव में किसानों का रब्बी फसल चौपट हो गया है. अन्नदाता किसानों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे, मधेपुरा एवं बिहार को आवश्यकतानुसार खाद आवंटित करना होगा.

बिहार का कोटा काटकर यूपी एवं पंजाब में खाद देने वाली सरकार होश में आओ : प्रो चंद्रशेखर ने किसानों से आह्वान किया की इस किसान विरोधी सरकार के खिलाफ आवाज दो, खाद नहीं तो वोट नहीं. उन्होंने कहा कि बिहार का कोटा काटकर यूपी एवं पंजाब में खाद देने वाली सरकार होश में आओ, हिटलर शाही नहीं चली तो, मोदी शाही नहीं चलेगी. प्रो चंद्रशेखर ने कहा कि देश के कॉरपोरेटर घरानों को सात लाख 55 हजार करोड़ रुपये माफ किया जा सकता है, लेकिन देश के अन्नदाता भगवान का कृषि ऋण माफ नहीं किया जा सकता है. इससे यह स्पष्ट है कि सरकार किसान विरोधी एवं कॉरपोरेटर पक्षी है. उन्होंने कहा कि किसानों का फसल समर्थन मूल्य पर नहीं ली जाती है, किसान अपनी फसल को औने पौने दाम में बेचने को विवश है. सरकार को एमएसपी को कानूनी जामा देना होगा. भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास एवं कोसी प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव सह मुखिया परमेश्वरी यादव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों की नहीं कंपनियों की है. उन्होंने कहा कि कंपनी राज नहीं चलेगा, यह देश किसानों की है, किसानों की रहेगी.

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कृषि एवं ग्रामीण भारत में बढ़ी है दिक्कतें, जाहिर करने का तीन कृषि कानून बना मौका : जिला प्रधान महासचिव महिला सह पार्षद कुमारी विनीता भारती एवं भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि कृषि एवं ग्रामीण भारत में जो दिक्कतें बढ़ी है, उसके खिलाफ देश के किसानों में लगातार नाराज़गी बढी है. जिसको जाहिर करने का तीन कृषि कानून मौका बन गया और मोदी की तानाशाही चकनाचूर हो गई.

कार्यक्रम में सदर प्रखंड अध्यक्ष सुरेश कुमार यादव, जिला प्रवक्ता संजीव कुमार, प्रखंड अध्यक्ष घैलाढ विकास कुमार, किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अमेश यादव, नगर प्रधान महासचिव राकेश कुमार, पैक्स अध्यक्ष भूषण यादव, प्रधान महासचिव पप्पू कुमार यादव, सीपीआई किसान नेता मुकुंद प्रसाद यादव, एससी-एसटी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष योगेंद्र राम, पैक्स अध्यक्ष राजकुमार उर्फ कारी, कार्यकारी प्रखंड अध्यक्ष दिलखुश कुमार, छात्र नेता रवि शंकर कुमार, अरुण कुमार, दीवानी यादव, अमलेश कुमार, अभिनंदन यादव, राजकिशोर यादव, कृत नारायण, ललन मंडल, कृत नारायण रजक, धिरेंदर यादव, माधव कुमार, राजदीप यादव, वीनीत कुमार, पंकज सिंह, रामदेव यादव, सोफिंदर यादव, बम कुमार, राणा यादव, रणधीर कुमार, नंदकिशोर यादव, विकास मंडल, सत्यम रीतेश, सुशील समेत अन्य उपस्थित थे.

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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