लगातार दो बार विज्ञापन निकालने के बाद भी शिक्षा शास्त्र विभाग में नन टीचिंग स्टाफ की बहाली नहीं होना आश्चर्यजनक

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मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू में मुख्यालय में लगातार मांग के बाद शिक्षकों की बहाली पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने बहुत देर से ही सही लेकिन सकारात्मक पहल बताया वहीं वर्ष 2018 और वर्ष 2020 में बहाली निकालने के बाद भी नन टीचिंग स्टाफ की बहाली नहीं करने पर ऐतराज व्यक्त करते हुए बीएनएमयू कुलपति को पत्र लिख अविलंब बहाली प्रक्रिया को मूर्त रूप देने की मांग की।

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 कुलपति को लिखे पत्र में छात्र नेता राठौर ने कहा कि मुख्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग को स्थापना काल से कभी भी समृद्ध करने व विश्वविद्यालय परिसर का मजबूत हिस्सा बनाने की ईमानदार पहल नहीं की गई।जिसका परिणाम है कि जहां पहली बार वर्ष 2018 में 17 अप्रैल को नन टीचिंग बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया आवेदन भी पड़े लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई फिर वर्ष 2020 में 2 फ़रवरी को बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन दिया लेकिन लगातार दूसरी बार भी बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी जिसका आलम यह है कि स्थापना काल से विश्वविद्यालय का शिक्षा शास्त्र विभाग बिना किसी नन टीचिंग स्टाफ के चल रहा है जो अपने आप में अनोखा आश्चर्य है।

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आवेदन में छात्र नेता राठौर ने कहा कि लगातार दो बार विज्ञापन निकालने के बाद भी बहाली नहीं ले बिना नन टीचिंग स्टाफ के विभाग चलाना दर्शाता है कि स्थापना काल से विभाग के वरीय पदाधिकारियों ने एनसीटीई को अंधेरे में रखा।छात्र नेता राठौर ने कहा कि नन टीचिंग स्टाफ बहाली अन्तर्गत लाइब्रेरियन, स्टोर कीपर सहित आधे दर्जन से ज्यादा पदों पर बहाली होना है।दोनों बार विज्ञापन निकलने के बाद आवेदन दिए युवा आज भी बहाली प्रक्रिया  प्रारम्भ होने की उम्मीद पालें हैं। एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि पीएआर रिपोर्ट में शिक्षक ,कर्मी की संख्या के साथ साथ विभाग की पूरी जानकारी एनसीटीई को उपलब्ध कराना होता है। ऐसे में रिपोर्ट व विभाग के बेहतर संचालन के लिए अविलंब बहाली आत्यवशक हो जाता है।उन्होंने मांग किया कि अविलंब बहाली प्रक्रिया को मूर्त रूप दिया जाए जिससे मान्यता रद्द होने की किसी भी संभावना को खत्म किया जा सके।

बिनित कुमार बबलू
संवाददाता, मधेपुरा

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