मधेपुरा/बिहार : चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व गुरुवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. बुधवार की शाम छठ व्रतियों द्वारा अस्तलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया. वहीं गुरुवार सुबह अर्घ्य के साथ ही छठ व्रतियों का उपवास भी समाप्त हो गया. सुबह जैसे ही सूर्य ने अपनी लालिमा बिखेरी छठ व्रतियों के चेहरे खिल उठे और भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देकर पर्व को पूर्ण किया. उधर, जिला मुख्यालय स्थिति विभिन्न छट घाटों प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त दुरूस्त देखी गयी. इस दौरान जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मधेपुरा लोकसभा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा, जिले के पुलिस कप्तान योगेंद्र कुमार, सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय नारायण यादव, सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह सहित भूतनाथ मंदिर भिरखी घाट के अध्यक्ष गोपी पंडित एवं अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी छठ घाटों का निरीक्षण कर छठव्रतियों के हाथों प्रसाद ग्रहण किया. जिला मुख्यालय के सुखासन घाट, भीरखी घाट, गुमटी घाट, बेलहा घाट, गौशाला घाट, गुमटी पुल घाट, जयपालपट्टी घाट, पथराहा पोखर, महिला कॉलेज के पूरब घाट, साहूगढ़ नदी घाट पर हजारों की संख्या में लोगों ने धूम-धाम से भगवान भाष्कर को अर्घ्य दे कर छठ पर्व मनाया.
बुधवार को जाम तो गुरुवार को शहर में छठ कर्फ्यू : हालांकि शहर में बुधवार को पर्व की घोषित बंदी थी, लेकिन छठ पर्व होने के कारण बुधवार को बाजार में इतनी भीड़ रही कि पूर्णिया गोला चौक से थाना चौक तक दिन भर में कई बार जाम की स्थिति बन गयी. महज आधे किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों का काफी मशक्कत करना पड़ा. जहां तहां वाहन खड़े किये जाने के कारण छोटी चारपहिया गाड़ियों का गुजरना भी काफी मश्किल हो गया, लेकिन शाम होते-होते दुकानों के शटर गिर गये. बाजार पूरी तरह खाली हो गया. जिसे देखो वही सिर पर दउरा उठाये छठ घाट की ओर चला जा रहा था. गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पर्व का समापन तो हो गया, लेकिन लोग छुट्टी के मूड में ही रहे. तीन दिनों की हरारत के बाद गुरुवार को शहर की अधिकतर दुकानें बंद ही रही. जिसे देख ऐसा लग रहा था कि छठ कर्फ्यू है. शुक्रवार से ही बाजार पटरी पर लौटेगा.
दंड प्रमाणी देते हुए घाट पर पहुंचे श्रद्धालु : तमाम जिलावासी आधी रात को ही घाट पर प्रस्थान के लिए ठंड को जवाब देते हुए पहुंच गये और सूर्यदेव की बेसब्री से इंतजार करने लगे. इस बीच घाट पर आपसी भाई-चारा देखने को मिला. लोक आस्था है कि छठ मईया की महिमा अपरमपार है़, जिससे सभी अपने कष्ट, वैर भावना भूल कर एक-दूसरे के साथ मिलकर छठ पूजा अर्चना करते है. छठ मईया के भक्ति गीतों से पूरा घाट गूंजता रहा लोगों में अपार खुशी देखा गयी. हर कोई अपनी-अपनी मन्नते मांगने घाट पर उपस्थित थे. वहीं सूर्यदेव के रोशनी की झलख देखते ही छठव्रती और श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौर गयी. सभी अपनी-अपनी मनोकामनाओं के साथ सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पण की. इसी के साथ महापर्व छठ पूजा संपन्न हो गया.
घाटों पर सुरक्षा की रही संपूर्ण व्यवस्था : जिला मुख्यालय के विभिन्न घाटों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन ने तीन श्रेणी में बांट कर रखा था. इसके लिए हर घाट पर खतरे के निशान पर बांस एवं रस्सी बांधा गया था. वहीं नाव के साथ गोताखोर भी तैनात थे. प्रशासन की मुस्तैदी से महापर्व छठ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया. विभिन्न घाटों पर डीएम, एसपी, एसडीपीओ, एसडीएम के अलावा कई वरीय अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे. प्रशासन के साथ राहत बचाव दल मनोज कुमार, चंद्रदेव मुखिया, मनोज कुमार, एसडीआरएफ एजाज, बिकाश कुमार एवं कमांडो टीम तथा पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिका रही. छठ को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा. वहीं किसी भी हादसे की आशंका के मद्देनजर एंबुलेंस को घाटों पर तैनात किया गया था. हर जगह नियंत्रण कक्ष स्थापित की गयी थी.
छठ घाट पर लगाया गया था मेला : बुधवार की शाम एवं गुरुवार की सुबह शहर का संगीत छठ घाट दिये एवं सजावट से जगमगाता रहा. रातों में छठ घाट पर जलता दिया अपनी सुंदरता की छटा बिखेर रहा था. भिरखी नदी छठ घाट पर छठ पूजा को लेकर मेला भी लगाया गया था. जहां पर छोटे-छोटे बच्चों ने झूले का आनंद उठाया. साथ ही मेले में लगे नाश्ते की दुकान तथा खिलौनों की दुकान भी बच्चों को खूब भाया. जबकि छठ घाटों पर बच्चों ने आतिशबाजी का भी खूब आनंद उठाया.
अमित