मधेपुरा/बिहार : गुरूवार को “ निजीकरण के खतरे एवं विकल्प विषय” पर जिला मुख्यालय स्थित टी. पी. काॅलेज में एक सेमीनार का आयोजन किया गया।
सेमीनार को संबोधित करते हुए टी. पी. काॅलेज, स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान के अध्यक्ष डाॅ. जवाहर पासवान ने कहा कि आज निजीकरण के नाम पर देश में सभी सरकारी एवं सार्वजनिक उपक्रमों को कौड़ियों के भाव निजी हाथों में बेचा जा रहा है। यह देश की बहुसंख्यक जनता के साथ धोखा और भारतीय संविधान का खुलेआम उलंघन है।
उन्होंने कहा कि निजीकरण से देश में असमानता फैली है। निजी उद्योगों में लोगों को पूर्ण वेतन नहीं मिलता है। इसमें कर्मचारियों से अत्यधिक काम लिया जाता है, लेकिन पेंशन एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान में बेगारी प्रथा को प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन निजीकरण में लोगों को पूँजीपतियों की बेगारी करनी पड़ती है।
कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता गणित विभागाध्यक्ष सह प्रभारी प्रधानाचार्य डाॅ. एम. एस. पाठक ने कहा कि निजीकरण के विभिन्न पहलुओं का सम्यक् मूल्यांकन करने की जरूरत है। मुख्य अतिथि हिंदी विभागाध्यक्ष डाॅ. वीणा कुमारी ने कहा कि भारत जैसे प्रजातांत्रिक देश में सार्वजनिक उपक्रम के अनेक लाभ हैं। इसके देश आर्थिक एवं सामाजिक रूप से मजबूत होता है। इसके विपरीत निजीकरण के कई खतरे हैं। विशिष्ट अतिथि जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने कहा कि वैश्विककरण, उदारीकरण एवं निजीकरण बहुसंख्यक जनता के खिलाफ है। देश को इन नीतियों से बचाने की जरूरत है। सभी क्षेत्रों में आम लोगों को केन्द्र में रखकर की नीतियाँ बनाने की जरूरत है। शोधार्थी तुरबसु ने कहा कि निजीकरण की चकाचौंध के पीछे घनघोर अंधेरा है। इसमें आम लोगों का शोषण एवं दोहन होता है। धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डाॅ. रोहिणी ने किया।
इस अवसर पर डाॅ. राजकुमार, माधव कुमार, सारंग तनय, सौरभ कुमार, सौरभ कुमार चौहान, राजहंस राज, दीपक कुमार, राजेश कुमार, विक्रम कुमार, चंद किशोर कुमार, कनकलाता कुमारी, रुचि कुमारी, रिमझिम कुमारी, अभिषेक कुमार, संतोष कुमार सुमन, मंटू कुमार, नंदनी कुमारी, प्रिया कुमारी, प्रियंका कुमारी, नंदकुमार, अनिल कुमार, सुमित कुमार, मोनी कुमारी, दीपक राम, कुंदन कुमार, अंशु कुमारी, मोहम्मद शौकत, मोहम्मद फारुख, संतोष कुमार सिंह, साजन कुमार, सूरज कुमार आदि उपस्थित थे।