मुजफ्फरपुर/बिहार : बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने पत्रकार कल्याण मंच की ओर से रविवार को सौंपे गये मांग पत्र को गंभीरता से लिया। मंत्री ने कहा कि पत्रकार कल्याण मंच की ओर से तीन महत्वपूर्ण मांग पत्र मिला है। जिसमें राज्य के सभी जिलों में पत्रकारों के आवास के लिए जमीन, सभी जिला व प्रखंड मुख्यालय के समीप कार्यालय के लिए जमीन देने की मांग शामिल है। इसके अलावे पत्रकार आयोग का गठन और पत्रकार पेंशन योजना को सरल बनाने का मुद्दा भी शामिल है।
मंत्री ने कहा कि आवास व कार्यालय के लिये जमीन दिये जाने की मांग से संबंधित मांग पत्र पर प्रक्रिया पूरी करने की कार्रवाई के लिए फाइल बढ़ाने का निर्देश दे दिया गया है। पत्रकार आयोग के गठन व पत्रकार पेंशन योजना को सरल बनाने का मुद्दा भी जायज है। पत्रकार कल्याण मंच की इस मांग को मुख्यमंत्री के समीप रखेंगे और कैबिनेट से पास कराने का हर संभव प्रयास करेंगे। मंत्री द्वारा पत्रकार कल्याण मंच की मांगो को गंभीरता से लिये जाने और तत्क्षण सकारात्मक पहल शुरू कर दिये जाने पर मंच के महासचिव मुमताज अहमद, कार्यकारी अध्यक्ष उमाशंकर, कोषाध्यक्ष सजल कुमार शील सहित मंच के सभी सदस्यों ने मंत्री को धन्यवाद दिया है।
पत्रकार कल्याण मंच की ओर से सौंपे गया मांग-पत्र :
1 – मीडिया कर्मियों की सुरक्षा एक बड़ी समस्या बनकर खड़ी है। इसलिए पत्रकार आयोग का गठन जरूरी है, ताकि मीडिया कर्मी किसी भी समस्या को पत्रकार आयोग के सामने रखें और उन्हें उचित न्याय मिल सके। पत्रकार आयोग के पदों पर ग्रामीण व जिला स्तर के पत्रकारों को रखने का प्रावधान हो ताकि वे धरातल की सच्चाई को समझें। सरकार ने पत्रकारों के लिये जो पेंशन योजना लागू की है वह बहुत ही जटिल है। जिस कारण अबतक मुश्किल से पूरे बिहार के 50 पत्रकार लाभान्वित हुए होंगे। इस पेंशन नीति को सरकार सरल बनायें ताकि सभी पत्रकारों को इसका लाभ मिले। वर्तमान पेंशन योजना में 20 साल तक पत्रकारिता में रहने से संबंधित प्रमाण-पत्र दिये जाने को कहा जा रहा है जो व्यवहारिक रूप से उचित और संभव नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े मीडिया कर्मियों के पास तो कागजात है नहीं तो वे कागजात कहां से पेश कर पायेंगे। इसलिए 20 साल की नौकरी की सीमा को पांच साल किया जाना चाहिए। जैसा कि एक टर्म सांसद व विधायक रहने के बाद भी पेंशन का प्रावधान है, जिसमें संसोधन कर अब शपथ लेने के बाद से ही सांसद व विधायक पेंशन के हकदार हो जाते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े मीडिया कर्मियों मिले विशेष छूट : ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े मीडिया कर्मियों के लिये थोड़ा अधिक छूट की जरूरत है। उन्हें सबसे अधिक जोखिम उठाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े मीडिया कर्मियों के लिये प्रसार संख्या के मानदंडों को पूरा करने वाले अखबारों में उनके नाम से छपी 15 स्टोरी की कटिंग जमा करने पर उन्हें भी पेंशन योजना का सामान लाभ दिये जाने का प्रावधान हो। इसी तरह का प्रावधान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिये भी हो। मीडिया कर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में अखबारों व चैनलों में काम कर रहे है इसकी जानकारी सभी जिलों के जिला जनसंपर्क पदाधिकारी से भी लिया जा सकता है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि पत्रकार पेंशन योजना को सरल बनाने एवं उसमें ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े मीडिया कर्मियों को भी शामिल करने के लिए आप आनवाले विधानसभा सत्र में मजबूती से इस मुद्दे को रखते हुए स्वीकृत कराने का कष्ट करना चाहेंगे।
2 – मुजफ्फरपुर सहित बिहार के सभी जिलों में पत्रकारों के आवास के लिए शहरी क्षेत्रों/ शहर से सटे क्षेत्रों में भूमि उपलब्ध कराया जाये ताकि पत्रकारों का आवास बन सके और वह जगह पत्रकार नगर के नाम से जाना जाये। जहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हो। बाहर से आनेवाले पत्रकारों को भी ठहरने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। इसलिए पत्रकार आवास के साथ-साथ एक गेस्ट हाऊस की भी व्यवस्था हो।
3 – मुजफ्फरपुर सहित बिहार के सभी जिलों में पत्रकारों के लिए पत्रकार कल्याण मंच का कार्यालय व मीटिंग हाॅल की आवश्यकता है। इसके लिए सभी जिला मुख्यालयों के समीप जमीन उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे। इसके साथ ही प्रखंड व अनुमंडल मुख्यालय के समीप पत्रकारों के बैठने, लोगों से आसानी से मिलने व खबर लिखने के लिए कार्यालय की जरूरत है। इसके लिये भी जमीन की आवश्यकता है। आपसे आग्रह है कि राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों के समीप पत्रकार कल्याण मंच के कार्यालय के लिए भूमि उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे ।