मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा शहर में इन दिनों दिन के उजाले में राहगीरों से बेखौफ अपराधियों द्वारा छिनतई की वारदात को अनजान देने का सिलसिला फिर से शुरू हो गया, शुक्रवार को भी मधेपुरा जिला मुख्यालय के मस्जिद चौक पर बेखौफ अपराधी, दिन के उजाले एक बुजुर्ग से 6 लाख रुपये छिन कर फरार हो गए।
छिनतई की घटना के शिकार हुए मस्जिद चौक वार्ड 10 निवासी और मधेपुरा व्यवहार न्यायालय के सेवानिवृत्त फोर्थ ग्रेड कर्मचारी मो रजि अहमद ने बताया कि उन्होंने जमीन रजिस्ट्री कराने के लिए जिला मुख्यालय स्थित स्टेट बैंक के मुख्य शाखा से 6 लाख रुपये की निकासी की थी, जिसके बाद वह उन रुपयों को एक झोला में रख कर अपनी साइकिल के आगे वाले केरियर में रख कर मस्जिद चौक पहुंचे, जहां से वह अपनी साइकिल से जैसे ही रफीक पथ होकर रजिस्ट्री कचहरी जाने के लिए मुड़े, वैसे ही वह छिनतई की घटना के शिकार हो गए।
प्रत्यक्षदर्शी की माने तो बुजुर्ग रजि अहमद जैसे ही रफीक पथ की ओर मुड़े कि पहले से रेकी कर रहे, एक मोटर साइकिल पर सवार दो अपराधी अचानक उनकी साइकिल के सामने आकर अपनी बाइक को इस अंदाज से रोका कि सामने वाले का रास्ता अवरुद्ध हो जाए, फिर दूसरी तरफ से एक और मोटर साइकिल पर सवार दो अपराधी काफी तेजी से वहाँ पहुंचा और समय गँवाए बिना रजि अहमद की साइकिल के आगे वाले कैरियर से 6 लाख रुपए सहित झोला लेकर वहाँ से फरार हो गया, पीड़ित बुजुर्ग का कहना कहना है कि उस झोला में उनके 6 लाख रुपये सहित बैक का पासबुक और जिस जमीन का वह रजिस्ट्री कराने आज जा रहे थे, उससे संबंधित जर्मियाना वाला दस्तावेज, जो एक लाख का था, वह भी उसी झोला में था, उसे भी लेकर फरार हो गया।
इधर घटना की जानकारी मिलते ही सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह अपने दल बाल के साथ मौके वारदात पर पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गए, फिलहाल इस मामले में पुलिस की तफतीश जारी है, बताया जाता है की पुलिस आसपास की सीटीवी कैमरे को खंगाल रही है जिसके आधार पर अपराधियों की निशानदही कर उनकी गिरफ़्तारी अमल में लाई जाएगी।
मौके मौजूद सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह ने मामले की तस्दीक करते हुए बताया कि पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है, इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधी जल्द ही पुलिस गिरफ्त में होंगे, साथ ही उन्होंने मधेपुरा शहर वासियों से अपील करते हुए कहा कि जब भी आप 50 हजार से अधिक की निकासी करने बैंक जाएँ, तो उसकी जानकारी सदर थाना को जरूर दें, ताकि पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए पुलिस एस्कॉर्ट की सुविधा मुहैया करा सके और आपको बैंक से सही सलामत आपके घर तक पहुंचा सके।
मालूम हो इस तरह की घटना सबसे ज्यादा, अकेला पाकर बुजुर्ग व्यक्तियों के साथ घटती है, इससे पहले भी कई बुजुर्ग व्यक्ति इस तरह की घटना के शिकार हो चुके हैं, फिर भी लोग अपने साथ ना तो पुलिस एस्कॉर्ट लेना पसंद करते हैं और ना ही अपने घर के अन्य सदस्यों को अपने साथ लाना गंवारा नहीं करते और जब उसके साथ घटना हो जाती है, तब उन्हें अपनी गलती का एहसास होता, लेकिन तब तक वह लूट चुके होते हैं।
इन घटनाओं में एक बात और काफी कॉमन देखा जाता है कि इस तरह की वारदात को अंजाम देने वाले अपराधी पहले से ही ऐसे व्यक्तियों की रेकी करते है और मौका देखते ही घटना को अंजाम देकर किसी सुरक्षित जगह का शरण ले लेते हैं, पुलिस को बैंक के साथ रजिस्ट्री कचहरी के आस-पास की भी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखने की जरूरत है ताकि इस तरह की घटना को अंजाम देने के लिए रेकी करने वाले अपराधी का धर दबोचा जा सके ।
बहरहाल इस तरह की घटना, निश्चित तौर पर मधेपुरा पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है तो वहीं दूसरी तरफ लोगों द्वारा बरती जाने वाली लापरवाही का भी परिणाम है, क्योंकि बैंक से 50 हजार से अधिक की निकासी पर पुलिस द्वारा पुलिस एस्कॉर्ट की व्यवस्था की गई है, जिसकी जानकारी समय समय पर पुलिस प्रशासन द्वारा जनहित में दी जाती है, बावजूद इसके लोग बिना पुलिस एस्कॉर्ट के मोटी रकम की निकासी करते है और इस तरह की घटना का शिकार हो जाते हैं.
एक सवाल यह भी अहम है कि आखिर लोग इतनी बड़ी लापरवाही क्यूँ करते है ? निकासी से पहले पुलिस एस्कॉर्ट की सुविधा लेने से क्यूँ कतराते है? क्या लोगों को पुलिस एस्कॉर्ट लेने में किसी प्रकार का डर है? अगर ऐसा है तो मधेपुरा पुलिस को इस दिशा में एक कामयाब पहल करने की जरूरत है, या फिर यह सिर्फ लोगों की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैया है तो लोगों को ऐसे मामलों में लापरवाही बरतने से बाज आने की जरूरत है ।