मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय में कई जगह के नाले का ढक्कन या नाले के उपर की ढलाई बीच से टूट चुका है. टूटे नालों के बीच से नुकिले रॉड निकले हुये हैं. टूटे नुकीले रड की स्थिति यह है की गलती से अगर किसी इंसान यहां दुर्घटनाग्रस्त होता है तो उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है. इसके अलावा शहर के कई सड़कों के बीचों-बीच नाला के ऊपर ढक्कन ना होना दुर्घटना का बड़ा कारण बन रहा है. अधिकारियों का कहना है कि सफाई कर्मचारी सफाई करने के दौरान नालों के ऊपर से ढक्कन हटाते हैं और सफाई के बाद फिर उसे ढक दिया जाता है, लेकिन नगर परिषद क्षेत्र के कई नालों का ढक्कन पिछले कई महीनों से हटा हुआ है या फिर टूट कर जर्जर हो गया है. जिसपर रोजाना सफाई कर्मियों की नजर पड़ती है, लेकिन किसी सफाई कर्मी ने उसे फिर से ढकने की जहमत नहीं की और ना ही नगर परिषद के अधिकारी इस काम को जरूरी समझ रहे हैं.
गली-मोहल्ले में लाइट की कमी दुर्घटना का मुख्य कारण : गली-मोहल्लों की सड़कों के बीचो-बीच जर्जर नाला होने के कारण आये दिन इन रास्तों से आवागमन करने वाले लोग एवं आवारा पशु इस गड्ढे में गिरकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. नगर परिषद का नाला आवारा पशु के साथ-साथ आम लोगों के लिए दुर्घटना का पर्याय बन गया है. बावजूद इसके प्रशासन मूकदर्शक बनी बैठी है. नगर परिषद क्षेत्र के लगभग सभी गली-मोहल्लों में रात के समय में लाइट की व्यवस्था का नहीं होना भी शहर की बड़ी समस्या में से एक है. जिस कारण कोई भी वाहन चालक या राहगीर गली मोहल्लों के सडक़ किनारे या फिर सड़क के बीचो-बीच बने नाले के ऊपर ढक्कन नहीं होने या टुट कर जर्जर होने के कारण उसमें गिरने से घायल हो जाते हैं. जिस कारण आये दिन लोग दुर्घटना का शिकार होते रहते है.
जब तक नहीं होती है घटना, तब तक नप समस्या पर नहीं लेती है संज्ञान : नगर परिषद क्षेत्र के रफीक पथ, जगजीवन पथ, बीपी मंडल पथ, मुख्य डाकघर पथ समेत शहर में कई जगह ऐसे नालें हैं कि उसके उपर बने सड़क के बीच में ही गड्ढा है और यह इतना भयावह है कि देख के ही डर लग जाता है. इन सड़कों पर लोग हमेशा आते-जाते रहते हैं. कोई अनहोनी इन गड्ढों के कारण हो जाती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? इस बाबत स्थानीय लोगों ने कहा कि इसकी शिकायत नगर परिषद से कई बार की, बावजूद इसके नगर परिषद इस ओर संज्ञान नहीं ले रही है. जानलेवा गड्ढा कभी भी बड़े हादसे का गवाह बन सकती है. नगर परिषद की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए लोगों ने कहा कि अब तो नगर परिषद की आदत हो चुकी है कि जब तक कोई घटना ना हो जाए तब तक नगर परिषद प्रशासन समस्या पर संज्ञान नहीं लेती है. घटना होने के बाद भी जो कार्य किया जाता है, वह तत्काल ही रह जाता है. कुछ दिनों के बाद पुनः स्थिति जस की तस रह जाती है.
जर्जर नाला से निकला नुकीला रड दे रहा है बड़ी दुर्घटना को दावत : पूर्णिया गोला चौक से बीपी मंडल सड़क की ओर जाने वाली सड़क के मोड़ पर ही वर्षों से नाला बेहद जर्जर अवस्था में है. कई बार तो स्थानीय दुकानदारों के द्वारा इस जर्जर नाला को अपने सुविधानुसार ठीक करने की कोशिश की गई, लेकिन नाले का ढक्कन मजबूत नहीं होने के कारण एवं लगातार उस पर वाहनों का दबाव पड़ने के कारण वह पुनः टूट कर, जानलेवा बन जाता है. जर्जर नाला से निकला नुकीला रड एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहा है. पूर्णिया गोला चौक शहर के मुख्य चौक चौराहों में से एक है. जहां गैस एजेंसी होने के साथ-साथ कई बड़ी दवाइयों की भी एजेंसी, अल्ट्रासाउंड एवं जांच घर है. साथ ही यहां पर कई बड़ी-बड़ी दुकानें एवं कार्यालय भी अवस्थित है. इस जर्जर नाला के समीप से पूरे दिन लोगों का आवागमन होते रहता है. स्थिति यह है कि कोई दो पहिया वाहन भी थोड़ा साइड से गुजर जाय तो वो हादसे का शिकार हो जायेगा. लोगों ने कहा कि शाम ढ़लने के बाद राहगीर रोजाना चोटिल हो रहे हैं.
हादसे के बाद भी संज्ञान नहीं लेते हैं नप अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि : स्थानीय मुख्य सड़क स्थित शिव मंदिर के बगल से गुजरने वाली मुख्य डाकघर रोड के बीचों बीच नाला है और नाला में गड्ढा है. ऐसा नहीं है कि पूरे सड़क पर एक दो जगह गड्ढा हो, डाकघर का पूरा सड़क ही गड्ढे में तब्दील हो चुका है. इस रास्ते के नाले के ऊपर कहीं ढक्कन नहीं है तो कहीं ढक्कन बेहद ही जर्जर अवस्था में है. नाले का निकला गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है. साथ ही बरसात के दिनों में इन नालों के ऊपर पानी जमा हो जाता है, जिसके कारण गड्ढे का पता नहीं चलता है. इस रोड में मुख्य डाकघर होने के साथ-साथ सरकारी विद्यालय एवं एक बड़ा मोहल्ला भी अवस्थित है. साथ ही यह सड़क शहर के मुख्य बाजार को पूर्वी बाईपास रोड से भी जोड़ती है. दिन भर इस सड़क से लोगों का आवागमन होते रहता है. जिस कारण नाले के गड्ढे में गिर कर कई बार लोग हादसे का भी शिकार हो गए हैं. इसके बावजूद नगर परिषद व स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाता है. स्थानीय लोगों द्वारा कई बार इस मामले की शिकायत भी की गयी है.