मधेपुरा/बिहार : विगत कुछ दिनों से हुई बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी है. जलजमाव की वजह से लोगों का मुख्य बाजार तो दूर मुहल्ले की सड़कों से गुजरना मुश्किल हो गया है. शहर के कई जगहों पर बरसात के बाद भी सडकों पर पानी बरकरार रहती है. शहर के लोगों को प्रत्येक वर्ष ऐसी फजीहत झेलना मजबूरी बन गयी है. बावजूद सांसद, विधायक ही नहीं नगर परिषद के मुलाजिम उदासीन बने रहते हैं. जिले के आलाधिकारी रोजाना इस समस्या से रू-ब-रू होने के बावजूद योजनाओं के नाम पर आश्वासन की घुटी पिलाकर बात खत्म कर लेते हैं. बीते कई वर्षों में नगर परिषद प्रशासन ने नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में करोड़ों की राशि से नाला का निर्माण भी कराया, लेकिन क्या फायदा, स्थिति में जरा सी सुधार नहीं हुई है. नाला लोगों को सुविधा देने के बजाय दुख देने का कारण बन गयी है. घटिया सामग्री उपयोग किये जाने के कारण कई जगह नाला एवं उनके ढक्कन ध्वस्त पड़े हैं. शीघ्र ही नगर परिषद जलजमाव की समस्या को लेकर सख्त कदम नहीं उठाती है तो आने वाले समय में शहर के लोगों को बहुत परेशानी होगी.
जलजमाव को ले पहल करने में असमर्थ है अधिकारी : जिले के सभी वरीय अधिकारी से लेकर नगर परिषद के किसी भी अधिकारी की नजर जलजमाव की ओर नहीं जा रही है. मधेपुरा में विश्वविद्यालय, मेडिल कॉलेज, रेल इंजन कारखाना एवं इंजीनियरिंग कॉलेज होने के बावजूद मधेपुरा की पहचान सड़कों पर जलजमाव एवं कीचड़ रह गयी है. खास बात यह है कि जिले के कई साहब के कार्यालय के परिसर में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. जलजमाव के दिशा में कोई भी अधिकारी किसी भी तरह के ठोस पहल करने में असर्मथ दिख रहे हैं. थोड़ी सी बारिश होने पर जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार के सड़क किनारे स्थित सदर अनुमंडल कार्यालय में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. कार्यालय आने-जाने वाले लोगों एवं कर्मियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में हाथों में चप्पल लेकर कार्यालय जाते हुये लोग दिख जाते हैं.
जलभराव के कारण बनी रहती है हादसे की आशंका : बारिश के बाद शहर की मुख्य व गली मोहल्ले की सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. खासकर जिला मुख्यालय के पुरानी बाजार स्थित विभाग द्वारा बीते एक महीने पूर्व ही बेतरतीब तरीके से बनाये गए शहर के मुख्य सड़क पर बन आये गड्डों में जलजमाव होने की वजह से वाहन चालकों को भी परेशानी हो रही है. राहगीर भी किचर के बीच से आवाजाही करने को मजबूर हो रहे हैं. सड़क पर जलजमाव के कारण सुबह-सुबह सैर सपाटा के लिए निकलने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई. लोगों ने बताया कि जलभराव के कारण हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है.
जलनिकासी की नहीं है व्यवस्था : बारिश अभी शेष है. बीते कुछ दिनों में हुई बारिश ने ही नगर परिषद के जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोल कर रख देती है. शहर में ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनने के कारण नाला में जलभराव की स्थिति बनी रहती है. जो बारिश के बाद सड़क के गंदगी के साथ मिल कर तैरने लगती है. कमोबेश शहर की सभी सड़कों की हालत खराब है. शहर के पानी टंकी चौक, थाना चौक, अस्पताल, कर्पुरी चौक के पास जलजमाव हो जाने से दिक्कत होती है. पूर्णिया गोला चौक के पास नाला इस कदर टूटा हुआ है कि जमे पानी में नाला का पता नहीं चल पाता है.
पानी सूखने में लगता है 15 दिन का समय : जगजीवन पथ, रेलवे ढाला, कर्पूरी चौक, भिरखी मुहल्ला, जीवन सदन, सुभाष चौक, पूर्णिया गोला चौक समेत विभिन्न जगह पर जल जमाव हो जाता है. जलजमाव के दौरान इन जगहों से होकर गुजरे सैकड़ों बाइक में से दर्जनों बाइक चालक एवं पैदल राहगीरों को सड़कों पर फैले कीचड़ के छींटों का सामना करना पड़ता है. शहर के पानी टंकी चौक के पास, सदर अस्पताल के निकट मुख्य सड़क पर, थाना गेट के समीप समेत अन्य जगहों पर बारिश खत्म होने के बाद भी पानी सूखने में करीब 15 दिन लगते हैं. इस बीच फिर से बारिश हो गयी तो लोगों को फिर अगले 15 दिन का इंतजार करना पड़ता है.
सब्जी मंडी में जलजमाव से विक्रेता है परेशान : बारिश से सब्जी मंडी में जलजमाव व कीचड़ से नारकीय स्थिति हो गई है. सब्जी दुकानदारों व ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि जलजमाव के कारण ग्राहक नहीं आते हैं, जिससे काफी सब्जी खराब हो जा रही है. इस कारण लागत पैसा भी वसूल नहीं हो पा रहा है. विक्रेताओं ने कहा कि एक तो लॉकडाउन के वजह से पहले ही समस्या उत्पन्न हो रही है और उपर से मंडी में जलजमाव की स्थिति के कारण सब्जी दुकान ठीक से चल नहीं पा रहा है. लोग पानी में तैर कर एवं कीचड़ में पांव रखकर सब्जी खरीदने नहीं आ रहे है. सड़क की पानी भी सब्जी मंडी में आ रही है.