नालंदा/बिहार: जिला मुख्यालय बिहार शरीफ शहर स्मार्ट सिटी में शामिल हैं, लेकिन मानसून की पहली बारिश ने स्मार्ट सिटी को पूरी तरह स्मार्ट तालाब और नर्क में बदल दिया। रुक-रुक कर हो रही मूसलाधार बारिश से शहर में नाला सफाई अभियान की पूरी तरह नगर निगम की पोल खोल कर रख दी है।
बिहार शरीफ शहर के दर्जनों महलों की सड़कों पर इसका दृश्य देखने को मिलता है। आमजन का चलना तो दूर जानवर भी चलने के लायक नहीं है। अगर आपको इसका उदाहरण देखना हो तो शहर के चांदनी कलाली, कोहना सराय, खानकाह स्थित कटरा बांस दरवाजा सड़क का हाल देख सकते है सड़कों पर 1 फीट पानी और कचरा से भरा पड़ा है। नाले की सफाई ना होना 3 वार्डो में पूरा इलाका का होना है जैसे एक ओर वार्ड नंबर 37 है तो दूसरी ओर वार्ड नंबर 40 है तो तीसरी ओर वार्ड नंबर 39 स्थित है और इस सड़क से ही वार्ड को बांटा गया है। सच्चाई तो यह के नगर निगम की अनदेखी के कारण इस इलाके के लोग नरक की जिंदगी जीने को मजबूर होकर स्मार्ट सिटी शहर में रह रहे हैं। बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी शहर बरसात के मौसम में स्मार्ट तालाब और कीचड़ का शहर हो जाता है।
इस तरह शहर के दर्जनों जगह पर देखने को मिलता है नगर निगम की लापरवाही का शिकार आमजन को भुगतना पड़ रहा है। शहर का लाइफ लाइन कहे जाने वाली रांची रोड पर भी दर्जनों जगहों पर पानी के जमाव से आम जनता, यात्रीगण से लेकर पैदल चलने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शहर के रामचंद्रपुर स्थित बाजार समिति फल और सब्जी मंडी में तो बारिश में पूरी तरह तालाब का दृश्य देखने को मिल रहा है 2 फीट पानी 1 फीट कचरे से भरा पड़ा है। सूत्रों के अनुसार फल और सब्जी मंडी से प्रतिदिन करोड़ों का व्यवसाय होता है यहां की फल और सब्जियां जिले के अलावा नवादा, जहानाबाद, शेखपुरा, लखीसराय और जमूई तक के दुकानदार आकर ले जाते हैं।
हकीकत में बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी का फायदा बिहार शरीफ की जनता को अभी तक नहीं मिल पा रहा है, अब तो भविष्य बताएगा कि स्मार्ट सिटी का लाभ यहां की जनता को कब मिलेगा।