मुजफ्फरपुर/बिहार : जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर के कार्यालय प्रकोष्ठ में हीटवेव तथा पेयजल संकट प्रबंधन संबंधी कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर द्वारा संबंधित विभागों के द्वारा किए जा रहे हैं कार्यों की विभाग वार समीक्षा की गई तथा आवश्यक निर्देश दिए गए विभाग द्वारा समीक्षा का विवरण निम्नवत है:-
कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी ने बताया की पेयजल संकट के प्रति संवेदनशील क्षेत्र सकरा और मुरौल के जलस्तर में गिरावट को देखते हुए आवश्यक तैयारी कर ली गई है तथा 9 जल टैंकरों के माध्यम से जल उपलब्ध कराने की तैयारी की गई है जिले में वर्तमान में 471001 चापाकल चालू स्थिति में है तथा खराब चापाकलों की मरम्मति युद्ध स्तर पर 16 मोबाइल चापाकल मरम्मत दल टीम द्वारा की जा रही है। आपात परिस्थिति हेतु 150 नए चापाकल विभाग द्वारा स्वीकृत है जिसकी निविदा प्रक्रिया जारी है। जिलाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को निर्देशित किया गया कि जल स्तर की नियमित निगरानी करें तथा संवेदनशील क्षेत्रों में जलापूर्ति करना सुनिश्चित करें। नियंत्रण कक्ष स्थापित कर सपा कर मरमति मोबाइल टीम के माध्यम से खराब चापाकलों की मरम्मत करना सूचित करें। वार्डवार जलापूर्ति योजना में पोस्टर वार जलापूर्ति करना सुनिश्चित करें।
उप नगर आयुक्त नगर निगम मुजफ्फरपुर के द्वारा बताया गया कि नगर निगम द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में विशेषकर बूढ़ी गंडक नदी के तटवर्ती व सिकंदरपुर के निकटवर्ती क्षेत्र में जल टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित की जा रही है तथा रोस्टरवार पाइप लाइन से जल आपूर्ति सभी वार्डों में किया जा रहा है। कुछ वार्डों में पाइप लाइन मरम्मति का कार्य चल रहा है वहां टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। कार्यपालक अधिकारी नगर पंचायत का कांटी साहिबगंज मोतीपुर द्वारा बताया गया की गर्मी को देखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है।
जिलाधिकारी ने नगर निगम व नगर पंचायत के पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर शेड, पेयजल, जल प्याऊ व जन सुविधाएं उपलब्ध करना सुनिश्चित करें ताकि नगरीय क्षेत्र में आमजन को किसी भी प्रकार की समस्या गर्मी के मौसम में ना होने पाए। कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल मुजफ्फरपुर द्वारा बताया गया की राजकीय नलकूप योजना अंतर्गत कुल 461 नलकूप सुकृत हैं जिसमें से 214 क्रियाशील है तथा शेष की मरमति युद्ध स्तर पर की जा रही है । कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई करते हुए जिलाधिकारी ने कहा की नलकूपों के माध्यम से तालाबों वह जल स्तोतो में जल पुनर्भरण करना सुनिश्चित करें ताकि गर्मी के दौरान पशुओं अन्य जीव जंतुओं को पेयजल उपलब्ध हो साथ ही फायर हाइड्रेंट के रूप में इनका उपयोग फायर टेंडर में जल पुनर्भरण करने हेतु किया जा सके।
अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन मुजफ्फरपुर द्वारा बताया गया की गर्मी के दौरान अगलगी की घटनाओं में तेजी आई है प्रभावित हुए परिवारों को सहायता उपलब्ध कराई गई है तथा पारू के कोटवारा व मुरौल के पिलखी में सामुदायिक किचन संचालित किए जा रहे हैं। अगलगी की घटनाओं से निपटने के लिए अग्निशमन की टीम मुस्तैद है तथा सभी थानों में मिस्ड टेक्नोलॉजी वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही, अग्निशमालय मुजफ्फरपुर व मोतीपुर 24x 7 क्रियाशील हैं।
जिलाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन को निर्देशित किया गया की गर्मी के कुप्रभाव व अगलगी की घटनाओं की रोकथाम हेतु व्यापक स्तर पर अंचल पदाधिकारियों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों के द्वारा जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों, मीडिया व अन्य से समन्वय स्थापित करते हुए जागरूकता अभियान संचालित किया जाए।
समीक्षा बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी, पूर्वी, अनुमंडल पदाधिकारी, पश्चिमी, प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा, डीपीएम, जीविका, कंसलटेंट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण उपस्थित रहे।