मधेपुरा/बिहार : विकास सतत प्रक्रिया है, लेकिन व्यवस्थित विकास सुकून देता है, वहीं अव्यवस्था हो तो तनाव पैदा करता है. शहर में गलत पार्किंग के कारण सड़क पर रोज जाम की स्थिति बनती है. जाम व्यक्ति एवं व्यवस्थाजनित नकारात्मक स्थिति है. जिससे तनाव एवं मानसिक पीड़ा पैदा होती है. शहर के विकास के लिए सरकार द्वारा तमाम योजनायें बनायी जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत जिले में विकास का कार्य जारी है. विश्वविद्यालय,मेडिकल कॉलेज एवं रेल इंजन फैक्ट्री होने की वजह से जिले के विकास में और बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन एक समस्या जो लोगों को हमेशा परेशानी में डाल रही है. वहीं जिला प्रशासन का भी इस कोई ध्यान नहीं है. यह समस्या है पार्किंग की.
जिले के आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कोसते हैं लोग : सड़क निर्माण में नियमानुसार पार्किंग के लिए जगह भी छोड़ना है, लेकिन सच इससे अलग है. एक दशक पहले तक दो किलो मीटर लंबी एक सड़क के दोनों ओर लगा बाजार तक मधेपुरा का कारोबार सीमित था. अब शहर में सड़कों का जाल बिछता जा रहा है और इसके साथ ही बाजार का आकार भी विशाल होता जा रहा है, लेकिन किसी भी अन्य बड़े शहर की तरह मधेपुरा में भी पार्किंग बड़ी समस्या बन रहा है. पार्किंग की व्यवस्था न तो किसी बैंक में और न बाजार में है. प्राइवेट नर्सिंग होम, साइबर, शॉपिंग सेंटर एवं शहर के बड़े- बड़े प्रतिष्ठानों के सामने जाम लगी रहती है. इस तरह घंटों जाम में रहने के कारण लोग जिले के आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कोसते रहते हैं.
वाहन पार्किंग के लिए जगह चयनित नहीं करना भी है जाम का बड़ा कारण : हालांकि बीते दिनों जिला प्रशासन के द्वारा सड़क पर गलत तरीके से वाहन खड़े करने को लेकर कार्रवाई भी की गई थी. जिसमें जिला परिवहन विभाग के द्वारा सड़कों पर घूम कर गलत ढंग से पार की वाहनों को जब्त कर लिया गया तथा उनसे चालान की वसूली की गई थी, लेकिन जाम की स्थिति जस की तस बनी रही. लोग अभी भी गलत ढंग से पार्किंग कर रहे हैं और सड़कों पर जाम लग रहा है. जाम का कारण सिर्फ लोगों के द्वारा गलत ढंग से पार्किंग करना नहीं है, बल्कि जिला प्रशासन एवं नगर परिषद के द्वारा वाहन पार्किंग के लिए जगह चयनित नहीं करना भी बड़ा कारण है. लगभग दो वर्ष पूर्व नगर परिषद के द्वारा थाना चौक से लेकर सुभाष चौक के बीच सड़क किनारे पार्किंग की जगह के लिए चयनित किया गया था तथा वहां पर कुछ पाइप भी गाड़े गए थे. जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी कि अब पार्किंग की समस्या हल हो जायेगी तथा जाम की समस्या से निजात मिल जायेगा, लेकिन कार्य आगे ना बढ़ सका और समस्यायें बनी रही.
सिर्फ और सिर्फ एक तरफा कार्रवाई कर रही है जिला प्रशासन : लोगों ने कहा कि जिला प्रशासन जाम की समस्या से शहर को निजात दिलाने के लिए सड़क पर खड़े वाहनों को तो जप्त कर रही है, लेकिन समस्या का हल नहीं ढूंढा जा रहा है. जिसका खामियाजा आम लोगों को चालान के रूप में पैसा देकर भुगतना पड़ रहा है. पार्किंग की जगह नहीं रहेगी तो लोग वाहन कहां खड़ा करेंगे. लोगों ने कहा कि जिले में पार्किंग की सख्त जरूरत है. जिला प्रशासन इस और जल्द ध्यान दे नहीं दे रही है. प्रत्येक दिन गाड़ी वाले एवं दुकानदार के बीच नोक झोंक होती रहती है. पार्किंग की सुविधा जल्द नहीं बनाये जाने से कोई बड़ी घटना भी घट सकती है. चौक-चौराहों पर लोगों के द्वारा यत्र-तत्र गाड़ी लगा दिया जाता है, जिससे काफी जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. पार्किंग नहीं रहने के कारण लोग सड़क पर ही गाड़ी लगा देते हैं, जिससे घंटों भर जाम लगा रहता है. जिला प्रशासन सिर्फ और सिर्फ एक तरफा कार्रवाई कर रही है, जिससे हम लोग परेशान हो रहे हैं
बैंकों एवं मॉल के आगे यत्र-तत्र लोग खड़ी कर देते हैं वाहन : दुकानदारों ने बताया कि आस पास बैंक मॉल एवं कार्यालय होने के कारण लोगों को जाना आना लगा रहता है. जिसके कारण हर हमेशा कई मोटर साइकिल सड़क किनारे खड़ी रहती है. जिससे राहगिरों को सड़क पर ही चलना पड़ता है. जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. भारतीय स्टेट बैक के मुख्य शाखा के पास हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. पार्किंग नहीं होने के कारण बैंक के काम से आने वाले उपभोक्ता बैंक के आगे एवं सड़क के किनारे यत्र-तत्र अपनी गाड़ी खड़ी कर देते है. जिससे सड़क पर चलने वाले वाहन सड़क संकीर्ण हो जाने के कारण धीरे-धीरे निकलते है. जिससे जाम की स्थिति बन जाती है. इससे आम लोगों के साथ-साथ आस पास के दुकानदारों को भी परेशानी होती है. शहर में पार्किंग की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिये, जिससे रोज लगने वाले जाम से निजात मिल सकें
पार्किंग के लिए जगह नहीं होने के कारण सड़क पर खड़ा करना पड़ता है वाहन : सुभाष चौक स्थित बैंक ऑफ इंडिया एवं ग्रामीण बैंक, भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा एवं एडीबी, मेन रोड स्थित सेंट्रल बैंक समेत अन्य बैंको के सामने तो सुबह से लेकर देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है. मेन रोड पर ही कई ब्रांडेड कंपनियों के मॉल, शोरूम एवं डिपार्टमेंटल स्टोर हैं. जाम के कारण जयपालपट्टी चौक स्थित नर्सिंग होम एवं एलआईसी कार्यालय के सामने तो पैदल चलने की स्थिति भी नहीं रहती है. जिला मुख्यालय के सभी बाजारों की सड़कें संकीर्ण हैं. सड़क के बाद किनारे में बची हुई जगहों पर दुकानदारों एवं बैंक, मॉल तथा कार्यालय कर्मचारियों द्वारा वाहन लगा दिया जाता है. जिसके बाद वाहन खड़ी करने के लिए जगह नहीं बचती है. जिससे आम लोगों को सड़क पर ही वाहन खड़ा करना पड़ता है.
इस बाबत नगर परिषद, कार्यपालक पदाधिकारी, प्रवीण कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मधेपुरा जिले में पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए नगर परिषद के द्वारा कार्रवाई की जा रही है. मंगलवार को भी इस संबंध में बैठक की गई है. साथ ही पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए सबसे पहले शहर में अतिक्रमण को हटाना पड़ेगा. जिसे अभियान के रूप में जल्द ही शुरू किया जायेगा. अतिक्रमण हटने के बाद पार्किंग के लिए स्थल चयनित कर, उसे व्यवस्थित कर लिया जायेगा.
वहीं इस संबंध में सदर एसडीओ, मधेपुरा नीरज कुमार, ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए नगर परिषद के द्वारा अभियान जारी है स्थाई एवं अस्थाई दुकानदारों द्वारा जहां जहां सड़क की जमीन को अतिक्रमण किया गया है, उसे चिन्हित कर लिया गया है. ऐसे जगहों को अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा तथा अतिक्रमण हटने के बाद पार्किंग की भी समस्या का निदान किया जायेगा.