मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के एमएड प्रथम सेमेस्टर सत्र 2020-22 में नामांकन के लिए दो माह पूर्व नौ दिसंबर 2020 को बीएनएमयू के नॉर्थ कैंपस स्थित परीक्षा भवन में प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया था. जिसमें एक सौ सीटों के लिए 372 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दिया था, लेकिन अब तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. नामांकन की प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है. मालूम हो कि छात्र संगठनों के कई बार मांग पत्र सौंपे के बाद फरवरी के प्रथम सप्ताह में आनन-फानन में छह फरवरी को 2021 को प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी किया गया था, लेकिन अब तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. छात्रों ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन अपने ही द्वारा जारी नोटिफिकेशन का खुद ही अमल करने में असफल दिख रहा है. परिणाम में हो रही देरी पर गड़बड़ी होने की आशंका होने लगी है. कहीं कुछ खिचड़ी तो नहीं पक रही है. परिणाम प्रकाशन में अधिक देर कई सवालों को जन्म दे रहा है.
विवि पर नामांकन में जान-बुझकर विलंब करने का आरोप : परिणाम में न तो छात्रों का कैटेगरी दर्शाया गया है और न ही महाविद्यालय आवंटित किया गया है. इसके कारण अब फाइनल मेधासूची बनाने में परेशानी हो रही है. इससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई है छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर नामांकन की प्रक्रिया में जान-बुझकर विलंब करने का आरोप लगाया है. एमएड प्रवेश परीक्षा में शामिल कई छात्रों ने कहा कि कोरोना के कारण पहले ही सत्र काफी विलंब हो चुका है. अब विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने में विलंब हो रहा है.
विवि व सहरसा के 50-50 सीटों पर होना है एमएड में नामांकन : राजभवन के निर्देश पर एमएड प्रथम सेमेस्टर में नामांकन के लिए बीएनएमयू में पहली बार इंट्रेंस टेस्ट परीक्षा का आयोजन किया गया था. बीएनएमयू के अधीन दो महाविद्यालय में एमएड की पढ़ाई व्यवस्था है. जिसमें विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित शिक्षाशास्त्र विभाग एवं कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन (सीटीई) सहरसा शामिल है. इन दो महाविद्यालय के लिए 50-50 सीट आवंटित है. एमएड सत्र 2020-22 में नामांकन के लिए नौ दिसंबर को प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी. इससे पूर्व 16 अक्टूबर से तीन दिसंबर 2020 तक ऑफलाइन मोड में सभी छात्र छात्राओं से एक हजार रुपया शुल्क लेकर आवेदन प्रपत्र जमा लिया गया था. परीक्षा के लिए 417 छात्रों ने आवेदन दिया था. जिसमें 372 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे.
परीक्षा परिणाम जारी होने के 20 दिन बाद भी नहीं बनी मेघा सूची : एमएड प्रथम सेमेस्टर सत्र 2020-22 में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा से पूर्व विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित शिक्षाशास्त्र विभाग एवं कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन (सीटीई) सहरसा में नामांकन बीएड के अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट निकाल कर की जाती थी. इससे मेधावी एवं बीएड में कम अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं का नामांकन नहीं हो पाता था. अब नामांकन इंट्रेंस टेस्ट परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद मेरिट लिस्ट में नाम आने वाले छात्र-छात्राओं का हो सकेगा. बीएनएमयू प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा था कि इंट्रेंस टेस्ट परीक्षा लेने के तुरंत बाद ओएमआर की जांच कराकर एमएड इंट्रेंस टेस्ट परीक्षा का परिणाम प्रकाशित कर दिया जायेगा, लेकिन लगभग दो महीने के बाद परिणाम प्रकाशित किया गया. परिणाम प्रकाशित होने के लगभग 20 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक ना तो मेघा सूची जारी की गई है और ना ही नामांकन की कोई सुगबुगाहट दिख रही है.
मेधासूची जारी होने में देरी से सता रहा है सत्र विलंब होने का डर : एसएफआई के विश्वविद्यालय प्रभारी सारंग तनय, एआईएसयू के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सौरभ कुमार, आनंद कुमार भूषण, बिमलेश कुमार सहित अन्य छात्रों ने कहा कि इंट्रेंस टेस्ट परीक्षा के आधार पर नामांकन लेने की राजभवन की पहल स्वागतयोग्य है. उन्होंने कहा कि एमएड सत्र 2020-22 में नामांकन एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा लेकर होने से योग्य एवं मेधावी छात्र-छात्राओं का चयन होगा, जो आगे चलकर योग्य शिक्षक बनेंगे तथा वे शिक्षा क्षेत्र में अपनी सेवा देंगे, लेकिन विश्वविद्यालय की लेटलतीफी के कारण मेधासूची जारी करने में हो रही देरी से छात्रों को सत्र विलंब होने का डर सताने लगा है. छात्र नेताओं ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन अपने ही द्वारा जारी नोटिफिकेशन का अमल करने में असफल दिख रहा है. इन लोगों ने मांग किया कि फरवरी माह में नामांकन की प्रक्रिया हर हाल में पूरा किया जाय.
बहुत जल्द जारी किया जायेगा परिणाम, विवि कर रही है कार्रवाई : इस बावत बीएनएमयू कुलानुशासक डा अशोक कुमार यादव ने बताया कि एमएड एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा का परिणाम बहुत जल्द जारी कर दिया जायेगा. इसे लेकर विश्वविद्यालय कार्रवाई कर रही है. गुरुवार को भी सुबह से लेकर शाम तक परिणाम प्रकाशित करने को लेकर विश्वविद्यालय में बैठक की गई थी. जिसके बाद शुक्रवार को परिणाम प्रकाशित होने की उम्मीद की जा रही है. उन्होंने कहा कि मेघसूची जारी होने में जो विलंब हुआ है उसका मुख्य कारण यह है कि मेघा सूची के लिए जाती की सूची समेत अन्य कागजातों की जो जरूरत पड़ती है, उसे इकट्ठा करने में देरी हुई है. दूसरी बात यह है कि उस कमेटी के जो एक मेंबर हैं, वह अररिया जिले के इंटरमीडिएट परीक्षा के कोऑर्डिनेटर थे. जिसके कारण भी समय नहीं दे पाये और गुरुवार को बैठक की गई.