प्रेस विज्ञप्ति : सहरसा/बिहार : उर्दू के जाने-माने पत्रकार और पंजाब केसरी ग्रुप के उप-संपादक, मज़हर आलम मज़ाहेरी के पिता हाजी शमीम अहमद का लंबी बीमारी के बाद कल पटना में निधन हो गया। मरहूम 76 वर्ष के थे। वे लगभग दो वर्षों से हृदय रोग से पीड़ित थे। लगातार इलाज के बावजूद, वह ठीक नहीं हो सके और कल पटना में उनका निधन हो गया ।
मरहूम हाजी शमीम अहमद सहरसा जिला के नौहट्टा प्रखण्ड के फ़कराही गॉंव के निवासी थे। उनका शुमार इलाके के प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में होता था। वे 2010 में आपदा प्रबंधन विभाग के फील्ड नियंत्रण अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने गाँव में रहना जारी रखा और सामाजिक सेवाओं से जुड़े रहे। उनके परिवार में तीन बेटे और दो बेटियां हैं। कुछ साल पहले एक बेटे मोहम्मद मंजर आलम की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, जबकि सबसे बड़ा बेटा मास्टर मरगूब आलम तमन्ना एक सरकारी शिक्षक है, और सबसे छोटा बेटा मज़हर आलम स्थायी रूप से जालंधर में रहकर पंजाब केसरी अखबार से जुड़े हैं और पंजाब के विभिन्न संगठनों से जुड़कर सामाजिक और कल्याण सेवाओं में सक्रिय हैं।
मरहूम का नमाज-ए-जनाजा इलाके के बुजुर्ग आलिम मौलाना अब्दुल बारी ने पढ़ाई जिसमें काफी संख्या में इलाके के लोग शामिल हुए। जिसके बाद आबाई वतन फ़कराही के कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया।
मजहर आलम के पिता हाजी शमीम अहमद के निधन पर देश की प्रमुख हस्तियों के साथ-साथ सहरसा के विजन इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक शाहनवाज बदर कासमी ने भी ने शोक संवेदना व्यक्त किया है।