मोदी सरकार चार लेबर कोड बिल लाकर मजदूरों को गुलामी की ओर धकेल रही है: मजदूर यूनियन

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फ़ोटो : जिला मुख्यालय के कला भवन परिसर के सामने प्रदर्शन करते एक्टू कार्यकर्ता
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मधेपुरा/बिहार : एक्टू के राज्यव्यापी आंदोलन के तहत जिले में बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के बैनर तले शनिवार को निर्माण मजदूरों का प्रदर्शन आयोजित किया गया. जिला मुख्यालय के कला भवन परिसर से एक्टू कार्यकर्ताओं द्वारा जुलूस निकालकर, सड़क के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए पुनः कला भवन परिसर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया.

सभा को संबोधित करते हुए बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन संबद्ध एक्टू के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार चार लेबर कोड बिल लाकर मजदूरों को गुलामी की ओर धकेल रही है. निर्माण मजदूर जो लड़ाई लड़कर अपना अधिकार प्राप्त किया था, उसे सरकार कुचल दिया है. उन्होंने कहा कि समय पर मजदूरों को मिलने वाली अनुदान राशि भी नहीं दिया जा रहा है. बिहार सरकार भी निर्माण मजदूरों के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है. अभी तक चिकित्सा भत्ता, कन्या विवाह लाभ, मृत्यु लाभ, गृह मरम्मती की राशि नहीं दी जा रही है. उल्टे श्रम कानूनों को इतना पेचीदा बना दिया गया है कि मजदूरों को लाभ नाम मिले. बिहार में शेष की राशि को मजदूरों के बीच ना देकर, उसे डराने में लगी हुई है. सभी असंगठित मजदूर जैसे रिक्शा, ठेला, ई-रिक्शा, ऑटो, जुगाड़ चालक, घरेलू दाई, मोटिया आदि सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा की गारंटी होनी चाहिये.

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रामचंद्र दास ने कहा कि लॉकडाउन भत्ता दस हजार रुपया प्रतिमाह मजदूरों को मिलना चाहिये. निजीकरण एवं एनजीओकरण पर रोक लगनी चाहिये. किसान विरोधी तीनों काला कानून वापस होनी चाहिये. किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू किया जाना चाहिये. जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि जिले के श्रम कार्यालय में पर्याप्त कार्य बल नहीं होने के कारण सभी लाभकारी योजनाओं का निष्पादन समय पर नहीं हो रहा है. इंकलावी नौजवान सभा के जिला संयोजक अमनदीप कुमार ने कहा कि सरकार सभी उद्योग धंधा को निजी हाथों में देकर रोजगार को समाप्त कर दिया है. बिहार के सभी बीमार एवं बंद उद्योगों को चालू किया जाना चाहिये. सरकार अपने चुनावी घोषणा से पीछे हट रही है. बेरोजगारों को रोजगार मिलना जरूरी है. साथ ही रोजगार का स्थायीकरण एवं ठेका मजदूरों को नियमित किया जाना चाहिये. आउटसोर्सिंग प्रथा खत्म किया जाना चाहिये. सभी ग्रामीण एवं शहरी परिवारों के लिए कारगर रोजगार कानून बनाया जाय. मजदूर नेता सीताराम रजक ने कहा कि काफी संख्या में मजदूर भूमिहीन हैं. उसे वास के लिए जमीन दिया जाय. साथ ही गांव एवं गरीबों का बिजली बिल माफ होना चाहिये. आइसा नेता पावेल ने छात्रों की सुरक्षा, पठन-पाठन की व्यवस्था पर छात्र-छात्राओं को एकत्रित होने का आवाहन किया.

मौके पर शत्रुघ्न शर्मा, साजदा खातून, मुकेश शर्मा, राजीव कुमार, अतुल कुमार, सरिता देवी, गुड़िया देवी, किशुन राम, समतोला देवी, कुमोदिया देवी, दीप नारायण मंडल, भूपेंद्र ऋषिदेव, नूतन कुमारी, केके सिंह राठौर, राजेंद्र राम, सावित्री देवी, उमेश दास, जितेंद्र कुमार, बलवीर कुमार, सुरेंद्र दास, सत्यनारायण यादव, संतोषी देवी, पवन देवी, तारिणी यादव, महिया देवी, रिंकू देवी, रघिया देवी, सीता देवी, महया देवी, सुमित्रा देवी समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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