मधेपुरा : मुआवजे की मांग को लेकर एनएच 106 घंटों तक जाम

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : सोमवार की देर शाम सदर प्रखंड के साहूगढ़ दो पंचायत के गणेश स्थान वार्ड नंबर 14 निवासी मिश्री सादा के 40 वर्षीय पुत्र वीरेंद्र सादा के सड़क दुर्घटना में मौत होने के बाद मंगलवार की सुबह स्थानीय लोगों ने गणेश स्थान के समीप एनएच 106 मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. ग्रामीणों ने मृतक के परिजनों को आपदा के अनुसार मिलने वाली चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की मांग को लेकर सड़क जाम किया. जाम के दौरान ग्रामीणों ने टायर जलाकर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जाम की सूचना स्थानीय मुखिया अरविंद यादव के द्वारा सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी आर्य गौतम एवं सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह को दी गई. जाम की सूचना मिलते ही सदर वीडियो एवं सदर थानाध्यक्ष जाम स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों से वार्ता किया एवं तत्काल सहायता राशि तुरंत देने के साथ आपदा राशि देने के आश्वासन पर जाम को समाप्त किया गया.

सोमवार की देर शाम सड़क दुर्घटना में हुई थी वीरेंद्र सादा की मौत : मालूम हो कि सदर प्रखंड के साहूगढ़ दो पंचायत के गणेश स्थान वार्ड नंबर 14 निवासी मिश्री सादा के 40 वर्षीय पुत्र वीरेंद्र सादा की सोमवार की देर शाम सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. जानकारी के अनुसार वीरेंद्र सादा पैदल ही मुख्यालय स्तिथ सहरसा जाने वाली मुख्य रास्ते में काली स्थान के पास से अपने घर जा रहे थे. इसी दौरान एक अज्ञात वाहन ने उन्हें ठोकर मार दी और उनके सिर को कुचल दिया. घटना के बाद जब तक लोगों की नजर उनपर पड़ी, तब तक वाहन चालक वाहन लेकर मौके से फरार होने में सफल हो गया. दुर्घटना स्थल पर ही वीरेंद्र सादा की मौत हो गई. इसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस की सूचना दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस बल घटना स्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में कर लिया तथा परिजनों एवं स्थानीय लोगों की मदद से शव का पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया. वीरेंद्र सादा के सर वाले हिस्से को इतनी बुरी तरह कुचल दिया गया था कि उसे पहचानने में भी परेशानी हो रही थी. घटना के कई घंटों तक तो मृतक की पहचान तक नहीं हो पाई थी. जिसके बाद किसी तरह पहचान कर, उनके परिजनों एवं ग्रामीणों को सूचना दी गई थी.

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पांच बच्चे एवं विक्षिप्त पत्नी का भरण पोषण करता था मृतक : मौत की सूचना मिलने पर वीरेंद्र सादा के घर में मातम सा छा गया था. वीरेंद्र सादा पेसे से दैनिक मजदूरी का कार्य किया करते थे. जानकारी के अनुसार वीरेंद्र सादा सदर प्रखंड में पौधा संरक्षण का कार्य किया करते थे. वह रोजाना की तरह सदर प्रखंड से अपना कार्य निपटा कर अपने घर की ओर जा रहे थे. घर की ओर जान घर जाने के ही क्रम में यह घटना घटी, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई. मृतक वीरेंद्र सादा के घर में दूसरा कोई और कमाने वाला नहीं है. वीरेंद्र सादा की पत्नी सुखिया देवी मानसिक रूप से विक्षिप्त है एवं वीरेंद्र सादा को तीन पुत्री एवं दो पुत्र है. मृतक के पांचों बच्चे गौरव, बबली, दुर्गा, गौरी, सौरव की उम्र अभी बहुत कम है. वीरेंद्र सादा की दैनिक कमाई से ही उसके घर का भरण पोषण होता था. अब उनके बच्चे को यह तक पता नहीं है कि उन्हें खाना कौन खिलायेगा. वीरेंद्र सादा का शव जाम स्थल पर पहुंचते ही उसके बच्चे दहाड़ मारकर रोने लगे.

जाम स्थल पर ही बीडीओ ने दिया परिवारिक लाभ का चेक : सुबह तक मृतक के परिजनों को सहायता राशी नहीं मिलने के कारण स्थानीय ग्रामीण सुबह आठ बजे मधेपुरा-सहरसा के मुख्य मार्ग एनएच 106 को गणेश स्थान के पास पूरी तरह जाम कर दिया. ग्रामीणों ने बस, ट्रक एवं बांस लगाकर यातायात को पूरी तरह बाधित कर दिया. जाम स्थल पर उपस्थित मृतक के परिजन एवं ग्रामीण लक्षमण सादा, दयानंद सादा, बिजली देवी, संजय सादा, अजय कुमार, माला देवी, जोगिंदर सादा, सोमिला देवी, भूपेंद्र सादा समेत अन्य लोगों ने बताया कि  सुबह तक प्रशासन के द्वारा कोई सहायता राशि नहीं देने के बाद आक्रोशित होकर सड़क जाम करना पड़ा. उन्होंने बताया कि स्थानीय मुखिया अरविंद यादव के द्वारा कबीर अंत्येष्टि की राशि दे दी गई थी, लेकिन अन्य सहायता राशि नहीं दी गई. जाम स्थल पर पहुंचे सत्र वीडियो आर्य गौतम ने मौके पर ही पारिवारिक लाभ के 20 हजार रुपये का चेक मुखिया के हाथों मृतक के परिजनों को दिलवाया. साथ ही कार्यालय प्रक्रिया के बाद आपदा राशि देने का भी आश्वासन दिया. जिसके बाद लगभग एक बजे सड़क जाम को हटाया गया. सड़क जाम होने से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई. जाम में फंसे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. यात्रियों को जाम के कारण गाड़ी छोड़ अपना अपना सामान ले वहां से पैदल ही जाना पड़ा.


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