मधेपुरा सदर अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम-बीच सड़क पर ही प्रसूता ने दिया बच्चे को जन्म, मौत

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : रविवार को सदर अस्पताल के अधिकारियों, चिकित्सकों एवं कर्मियों की लापरवाही एवं बिचौलियापन हावी होने के कारण एक प्रसूता ने सदर अस्पताल परिसर के सड़क पर बच्चे जन्म दिया. जन्म होने के बाद नवजात की मृत्यु हो गयी. घटना के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल के मरीज के देखभाल में लापरवाही का आरोप लगाते हुये अस्पताल के सामने शहर के मुख्य सड़क को जाम कर दिया. यह जाम लगभग एक घंटे तक चला. इस दौरान स्थानीय लोगों ने सदर अस्पताल के मुख्य द्वार को भी बंद कर दिया. अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. स्थानीय लोगों ने कहा कि अस्पताल परिसर में  पूरी तरह से बिचौलिया हावी है. जिसे रोकने में अस्पताल प्रशासन पूरी तरह असफल है. जिसका खामियाजा गरीब तबके के लोगों को भुगतना पड़ता है. जाम की सूचना मिलने पर जाम स्थल पर सदर थाना पुलिस पहुंच कर परिजनों से वार्ता कर जाम समाप्त करवाया. वहीं सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह भी सदर अस्पताल पहुंचकर परिजनों से मिलकर वार्ता किया तथा मामले को जाना. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार से आवेदन मिलने के बाद कार्ववाई की जाएगी।   को आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद दोषी पाये जाने पर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.

प्रसव पीड़ा के बाद पीएचसी से पहुंचा सदर अस्पताल : जानकारी के अनुसार प्रसूता आलमनगर प्रखंड गंगापुर निवासी कुंदन सिंह की पत्नी खुशबु देवी, जो फिलहाल अपने मायेके ग्वालपाड़ा प्रखंड के झलारी वार्ड नंबर दो में रह रही थी. अचानक खुशबू को रविवार की सुबह प्रसव पीड़ा शरू हुआ. इसके बाद खुशबु की मां चंदन देवी ने उसे स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया. जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुये सदर अस्पताल रेफर कर दिया. परिजनों ने उसे एंबुलेंस से सदर अस्पताल लाया एवं भर्ती करवाया. जांच के बाद मौजूद महिला चिकिस्तक डा प्रिती कुमारी (फर्स्ट) ने खुशबु में रक्त की कमी बताकर उसके परिजनों को रक्त उपलब्ध करवाने की बात कही. परिजनों ने खुशबु के पति के आने इंतजार करने की आने की बात कही.

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वाहन में बैठने से पूर्व खुशबु ने दी बच्चे को जन्म : खुशबु की मां चंदन ने बताया कि महिला चिकित्सक एवं नर्स के द्वारा लगातार जल्द से जल्द रक्त उपलब्ध करवाने के बारे में कहा जा रहा था. साथ ही यह भी दबाव दिया जा रहा था कि जल्द से जल्द रक्त उपलब्ध करवाओ नहीं तो बाहर कहीं ओर इलाज करवाएं. इलाज में देरी होगी तो बच्चे एवं उनके मां के जान को खतरा हो सकता है. चंदन देवी ने बताया कि बार बार चिकित्सक एवं नर्स के कहने पर वह भयभीत होकर खुशबु लेकर बाहर इलाज करवाने अस्पताल से निकल पड़ी. अस्पताल से निकलने के दौरान मुख्य द्वार के समीप जब तक परिजन खुशबु को वाहन में बैठाते तब तक वह अपने बच्चे को जन्म दे चुकी थी. जन्म देने के तुरंत बाद बच्चे की मृत्यु हो गयी और खुशबु को पुन: सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

डॉक्टर ने कहा महिला में थी रक्त की कमी, बिचौलिया के बहकावे में आकर उठाया कदम : मामले को लेकर महिला चिकित्सक डा प्रिती कुमारी ने बताया कि मरीज को भर्ती कराने के तुरंत बाद उसकी जांच की गयी. जांच के दौरान पाया गया कि बच्चे का धड़कन नहीं चल रहा है तथा महिला में रक्त की कमी है. जिसके बाद उनके परिजनों को रक्त उपलब्ध करवाने की बात कही गयी. साथ ही महिला का उचित इलाज भी जारी था. उन्होंने बताया कि इसी बीच किसी दूसरे मरीज को देखने गयी. जब वह वापस खुशबु के पास आती है तो खुशबु अपने बेड पर नहीं थी. पता करने पर जानकारी हुई की किसी आशा कार्यकर्ता ने बहला फुसलाकर निजी क्लिनिक में ले गयी है. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल महिला का इलाज करने में सक्षम था. परिजन अपने मरीज एवं आशा कार्यकर्ता के दबाव में मरीज को यहां से लेकर गये थे. जाने के दौरान महिला ने बच्चे को जन्म दिया.

दोषी पर होगी सख्त से सख्त कार्रवाई : इस बाबत सदर अस्पताल के प्रभारी डीएस डा फुल कुमार ने बताया कि मरीज के भर्ती होने के बाद डा प्रिती कुमारी के द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था. इस बीच पता चला कि एक आशा कार्यकर्ता के द्वारा मरीज के परिजनों को बहला फुसलाकर निजी क्लिनिक ले जाया जा रहा था. मामले जांच की जा रही है. जो भी दोषी होंगे उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी.


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