मधेपुरा (बिहार) : लेखनी के देवता चित्रगुप्त की पुजा चित्रांश समाज के साथ आमजन ने सोमवार को किया. भगवान चित्रगुप्त की पूजा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कायस्थ जाति को उत्पन्न करनेवाले भगवान चित्रगुप्त का जन्म यम द्वितीया के दिन हुआ. इसी दिन कायस्थ जाति और कलमजीवी लोग अपने घरों में भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं. उन्हें मानने वाले इस दिन कलम और दवात का इस्तेमाल नहीं करते हैं. जीवात्मा के कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले चित्रगुप्त जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत जीवों के सभी कर्मों को अपनी पुस्तक में लिखते रहते हैं और जब जीवात्मा मृत्यु के पश्चात यमलोक में पहुचता है तो उनके कर्मों के अनुसार स्वर्ग और नर्क में भेज देते हैं. इस अवसर पर जिला मुख्यालय के लक्ष्मीपुर मुहल्ला स्थित चित्रगुप्त सामुदायिक भवन में चित्रगुप्त भगवान का प्रतिमा निर्माण कर भव्य चित्रगुप्त पूजनोत्सव का आयोजन किया गया है. जिसके बाद प्रसाद वितरण किया गया. इस बाबत जानकारी देते हुये पुजा समिति के सदस्य सह वार्ड पार्षद अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि सोमवार को चित्रगुप्त पूजा के बाद मंगलवार को प्रतिमा विसर्जन किया जायेगा.लेखनी के देवता चित्रगुप्त की पुजा चित्रांश समाज के साथ आमजन ने सोमवार को किया. भगवान चित्रगुप्त की पूजा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कायस्थ जाति को उत्पन्न करनेवाले भगवान चित्रगुप्त का जन्म यम द्वितीया के दिन हुआ. इसी दिन कायस्थ जाति और कलमजीवी लोग अपने घरों में भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं. उन्हें मानने वाले इस दिन कलम और दवात का इस्तेमाल नहीं करते हैं. जीवात्मा के कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले चित्रगुप्त जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत जीवों के सभी कर्मों को अपनी पुस्तक में लिखते रहते हैं और जब जीवात्मा मृत्यु के पश्चात यमलोक में पहुचता है तो उनके कर्मों के अनुसार स्वर्ग और नर्क में भेज देते हैं.
इस अवसर पर जिला मुख्यालय के लक्ष्मीपुर मुहल्ला स्थित चित्रगुप्त सामुदायिक भवन में चित्रगुप्त भगवान का प्रतिमा निर्माण कर भव्य चित्रगुप्त पूजनोत्सव का आयोजन किया गया है. जिसके बाद प्रसाद वितरण किया गया. इस बाबत जानकारी देते हुये पुजा समिति के सदस्य सह वार्ड पार्षद अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि सोमवार को चित्रगुप्त पूजा के बाद मंगलवार को प्रतिमा विसर्जन किया जायेगा.