मधेपुरा : 85 वीं स्थापना दिवस पर राज्य उपाध्यक्ष राठौर ने किया झंडोतोलन

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कहा :  देश के पहले छात्र संगठन aisf का रहा है गौरवशाली इतिहास

मो० नियाज अहमद
ब्यूरो, मधेपुरा

मधेपुरा/बिहार : भारत के प्रथम छात्र संगठन एआईएसएफ की 85 वीं स्थापना दिवस  बीएनएमयू इकाई द्वारा संगठन के कार्यालय परिसर में  राज्य उपाध्यक्ष सह बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर के द्वारा झंडोतोलन कर मनाया गया ।

इस अवसर पर उपस्थित छात्र नेताओं द्वारा सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, प्रख्यात शायर राहत इंदौरी को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी मौत को समाज की बड़ी क्षति बताया गया।

मौके पर अपने संबोधन में बीएनएमयू प्रभारी राठौर ने कहा कि 1936 के अगस्त में लखनऊ के गंगा प्रसाद मेमोरियल हॉल में देश के 936 सदस्यों द्वारा पण्डित नेहरू,  मो जिन्ना की मौजूदगी में स्थापित भारत का पहला छात्र संगठन एआईएसएफ राष्ट्रीय स्तर पर अपनी 85 वीं स्थापना दिवस मना रहा है। आजादी के आंदोलन में भाग लेने व कुर्बानी देने का गौरव रखने वाला यह एकमात्र संगठन है।हर विषम दौर में संगठन ने छात्र हित के साथ समाज हित में भी अग्रणी भूमिका निभाई। कोरोना से  जब पूरी दुनिया संग भारत परेशान है तब भी संगठन के कार्यकर्ता कई समस्याओं से जूझते हुए लोगों के बीच जा उनका दर्द बांट यथासंभव मदद कर रहे हैं।

वहीं एआईवाईएफ के राष्ट्रीय परिषद् सदस्य शंभू क्रांति ने कहा कि एआईंएसएफ भगत सिंह के विचारों पर चलने वाला वो संगठन है जो जाति, धर्म, रंग के आधार पर भेदभाव की जगह सबके विकास की बात करता है। आजाद मुल्क में यह लगातार सबको शिक्षा एक समान की मांग करता रहा है। वर्तमान शिक्षा नीति पूरी तरह इसके विपरीत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संगठन के राज्य परिषद सदस्य सह संयुक्त जिला सचिव सौरभ कुमार ने कहा कि संगठन के इतने लंबे सफर में जिन लोगों ने अपने खून पसीने से इस के इतिहास को स्वर्णिम बनाया हम उन्हें सलाम करते हैं। वर्तमान नेतृत्व की हरसंभव कोशिश रहेगी कि संगठन को और ऊंचाई पर ले जाएं। स्थापना दिवस कार्यक्रम का संचालन करते हुए छात्र नेता मन्नू कुमार ने कहा कि संगठन की सर्वोच्च प्राथमिकता छात्र हित में संघर्ष है। इंटर नामांकन में हो रही परेशानियों को लेकर संगठन के संघर्ष से तिथि विस्तारित होना इसका ज्वलंत प्रमाण है।

मौके पर बैधनाथ,राहुल,संजय,मुकुल, मुन्ना  आदि मौजूद रहे।


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