मधेपुरा/बिहार : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा डीजल एवं पेट्रोल की लगातार की जा रही मूल्य वृद्धि के खिलाफ सोमवार को एआईएसएफ एवं एआईवाइएफ के कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका। मौके पर प्रदर्शनकारीयों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हें एवं एआईवाईएफ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार मुन्ना ने किया।
प्रदर्शन का वीडियो :
इस अवसर पर संगठन के पूर्व राज्य सचिव सह भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी के समय भी लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाकर डीजल एवं पेट्रोल की मूल्यवृद्धि कर रही है, जबकि वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमत में लगातार गिरावट हो रही है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमत प्रति बैरल 51.08 डालर है, बाबजूद भारत में डीजल एवं पेट्रोल की लगातार मूल्य वृद्धि करना, कोराना से त्रस्त जनता के ऊपर आर्थिक बोझ एवं एक कहर के समान है।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क नेपाल, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में डीजल एवं पेट्रोल की कीमत भारत से बहुत कम है।
सरकार वापस ले जनविरोधी फैसला, नहीं तो माफ नहीं करेगी जनता : भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि सरकार बढे मूल्य वापस ले अन्यथा संघर्ष तेज होंगे। मौके पर एआईवाईएफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य शम्भू क्रांति ने कहा कि डीजल एवं पेट्रोल की बेतहाशा मूल्य वृद्धि से आम लोग परेशान है, सिंचाई, जोताई, मालभाड़ा यात्री भारा सहित सभी सामानों पर डीजल एवं पेट्रोल में मूल्य वृद्धि का असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार यह जनविरोधी फैसला वापस ले अन्यथा जनता माफ नहीं करेगी।संगठन के नेता मन्नू यादव, रफी अहमद मुन्ना एवं छात्रा नेत्री मौसम कुमारी ने कहा कि यह फासीवादी कदम है, सरकार जनता की पॉकेट मारी कर रही है। सरकार यह कार्रवाई बंद करे, अन्यथा उग्र संघर्ष होंगे।
एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हें एवं एआईवाईएफ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार मुन्ना ने कहा कि डीजल एवं पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाय, तेल कंपनियों को खुली छूट एवं सरकार द्वारा लूट पर रोक लगायी जाय, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे। मौके पर इरशाद, सोनू किशन, शाहिद, राजू, शुभम स्टालिन, रत्नेश कुमार, सुशील कुमार, पंकज यादव, विजय यादव, शिवम यादव, संतोष पासवान समेत अन्य छात्र-युवा नेता प्रदर्शन में शामिल थे।