मधेपुरा : गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली के खिलाफ वामदलों का विरोध प्रदर्शन

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : वामदलों के राज्य व्यापी आह्वान पर गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली के खिलाफ विश्वासघात एवं धिक्कार दिवस करार देते हुये रविवार को अनुमंडल कार्यालय के आगे भाकपा, माकपा एवं भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ वामपंथी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की।

इस अवसर पर भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि अमित शाह की वर्चुअल रैली जले पर नमक छिड़कने के समान है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने में विफल सरकार, करोड़ों गरीब मजदूरों के जीवन-जीविका को खतरे में डालकर वर्चुअल रैली कर रही है। इस संकट के समय चुनावी रैली करना अमनवीय है। भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि अभी लोगों को चुनावी रैली नहीं चाहिये، सरकार लोगों के लिए राशन, रोजगार एवं कोरोना से बचने के लिए गारंटी करें। उन्होंने कहा कि दिल्ली-पटना की डबल इंजन की सरकार के कारण मजदूर वर्ग ने जो अकथनीय पीरा झेली है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

कीड़े-मकोड़े की मौत मर रहे हैं प्रवासी मजदूर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ी संख्या में घर लौट रहे श्रमिकों में अपराध नजर आ रहा है। इससे दलितों महादलित के प्रति नीतीश कुमार का प्रेम जगजाहिर हो चुका है। उन्होंने विपक्षी दलों से मजदूरों को राशन, रोजगार व सम्मान दिलाने की लड़ाई तेज करने का आह्वान किया. माकपा के राज्य कमेटी के सदस्य गणेश मानव एवं जिला मंत्री मनोरंजन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। कोरोना को लेकर सरकार द्वारा अपनाई गई नीति के कारण देश में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. प्रवासी मजदूर कीड़े-मकोड़े की मौत मर रहे हैं। उन्होंने किसानों को केसीसी सहित तमाम कर्ज एवं स्वयं सहायता समूह के कर्ज को माफ करने तथा मक्का की फसल को समर्थन मूल्य घोषित कर, खरीद सुनिश्चित करने की मांग की।

कोरोना संकट से निपटने में केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह फ्लॉप : भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि कोरोना संकट से निपटने में केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ जानवर जैसा सलूक कर रही है. माले नेता ने इनकम टैक्स के दायरे से बाहर सभी परिवारों को 75 सौ रुपया मासिक सहायता, सभी व्यक्ति को छह महीने तक 15 किलो राशन की आपूर्ति करने एवं कोरोना के कारण मौत के शिकार हुये मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। माकपा नेता श्यामानंद गिरी ने पत्रकार विनोद दुआ एवं आकार पटेल पर से एफआईआर वापस लेने की मांग की। मौके पर भाकपा नेता वीरेंद्र नारायण सिंह, दिलीप पटेल, युवा नेता शंभू क्रांति, मन्नू यादव, सोनू कुमार, वीरेंद्र मेहता, विद्यानंद राम, एआईएसएफ जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे, रफी अहमद उर्फ मुन्ना, माकपा नेता लखन दास, छात्र नेता राजदीप कुमार, भाकपा माले के नेता सीताराम रजक, विमल यादव, साजिदा  खातून, प्रमिला देवी, राम दुलारी देवी, कमला देवी, शकीला देवी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।


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