मधेपुरा/बिहार : बुधवार को समाहरणालय के समक्ष भारतीय नौजवान संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा राशन दो-रोजगार दो या 10 हजार रुपया महीना गुजारा भत्ता दो समेत अन्य मांगों को लेकर रोष पूर्ण प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संगठन के राष्ट्रीय परिषद सदस्य शंभू क्रांति ने कहा की सरकार की उपेक्षा के कारण आज नौजवानों का भविष्य अंधकार में है। असंगठित क्षेत्र में 65 प्रतिशत लोगों को काम से हटा दिया गया है. पहले से ही देश में करोड़ों नौजवान बेरोजगारी का दंश झेल रहे थे। अब कोरोना के कारण स्थिति और भी भयावह हो गई है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन नहीं हुआ तो बड़ी संख्या में नौजवान भूखे मरेंगे। उन्होंने तत्काल सब को रोजगार देने या 10 हजार रुपया महीना गुजारा भत्ता देने की मांग की है। उन्होंने कहा की नौजवानों को रोजगार नहीं मिला तो वोट भी नहीं मिलेगा।
जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार मुन्ना ने कहा कि वोट हमारा और राहत पूंजीपतियों को, यह नहीं चलेगा। हमें रोजगार चाहिए, जीने का अधिकार चाहिए। युवा नेता सौरभ कुमार एवं मन्नू कुमार यादव ने मनरेगा में तीन सौ दिन काम देने एवं मजदूरी पांच सौ रूपया करने की मांग की है।
मौके पर उपस्थित एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे, रफी, आरके सिन्हा, धीरेंद्र मेहता, गोलू कुमार, सोनू कुमार, विकास कुमार, सुनील कुमार, पवन कुमार, प्रवीण कुमार, गुड्डी स्वर्णकार, गुलशन कुमार, रत्नेश कुमार, वीरेंद्र यादव समेत अन्य नेताओं ने कहा नौजवानों की उपेक्षा सरकार को महंगी पड़ेगी। हम बनाना जानते हैं तो बिगाड़ना भी जानते हैं, इसलिए सरकार नौजवानों के प्रति संवेदनशील बने, हमें रोजगार दे या बेरोजगारी भत्ता दे, नहीं तो संघर्ष तेज होंगे।