मधेपुरा/बिहार : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों एवं किसानों की उपेक्षा के खिलाफ बुधवार को किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के पश्चिमी बाईपास सड़क के किनारे स्थित सीपीआईएम कार्यालय के सामने मुख्य सड़क पर लॉक डाउन का पालन करते हुये विरोध प्रदर्शन किया।
मौके पर उपस्थित भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि किसान भी कोरोना योद्धा है। कोरोना वायरस के कारण सरकार द्वारा लागू लॉक डाउन में भी किसान अपनी जान की परवाह किये बगैर लोगों को दूध, फल, सब्जी, राशन एवं अन्य भोजन सामग्री पहुंचा रहे हैं। फिर भी सरकार किसानों की सुधि नहीं लेती है। उन्होंने कहा कि पहले से ही सरकार की नीतियों के कारण किसान परेशान व बदहाल था। ऊपर से यह कोरोना से उत्पन्न संकट ने किसानों की कमर तोड़ डाली हैै। भाकपा नेता ने कहा कि लगातार बाढ़, सुखार, तूफान व ओलावृष्टि के कारण खेती में नुकसान झेल रहे एवं कर्ज से दबे किसानों को इस आपदा के समय भी सहायता के बदले पीएम पैकेज में कर्ज देने के वायदे, क़हर बरपाने के समान है। उन्होंने कहा कि किसानों की उपेक्षा के गंभीर परिणाम होंगे।
माकपा की राज्य कमेटी सदस्य गणेश मानव ने केंद्र व राज्य सरकार को किसान विरोधी बताते हुये सभी ग्रामीण परिवारों को लॉक डाउन के कारण रोजी रोटी एवं आजीविका का नुकसान के भरपाई के लिए प्रतिमाह 10 हजार रुपया आर्थिक सहायता देने की मांग की। उन्होंने किसानों से खेती व किसानी बचाने का आह्वान किया. किसान सभा के राज्य सचिव रमन कुमार ने कहा की सरकार किसानों की फसल नहीं खरीद रही है। कोसी के किसानों ने औने-पौने दाम में मक्का बेचने को मजबूर है, उन्होंने शीघ्र पंचायत एवं प्रखंड प्रखंड स्तर पर क्रय केंद्र खोलकर मक्का खरीद सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को फसल का लाभकारी दाम एवं अगले फसल के लिए एक लाख रुपया सहायता राशि दे।
माकपा नेता सह अधिवक्ता श्यामानंद गिरि ने कहा कि किसानों की उपेक्षा नहीं सहेंगे. विगत दिन बारिश, तूफान एवं ओलावृष्टि से नुकसान हुये फसल का मुआवजा का भुगतान सरकार शीघ्र करे, अन्यथा किसान आंदोलन तेज होंगे। सीटू के नेेता सह बिहार राज्य निर्माण कामगार यूनियन के जिला सचिव गोविंद शर्मा ने श्रम संसाधन विभाग पटना द्वारा जिला अंतर्गत श्रम विभाग में निबंधित मजदूरों को अनुदान राशि अविलंब मजदूरों के खाते में भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि सिंहेश्वर प्रखंड के रुपौली पंचायत के गरीब मजदूर-किसान तूफान एवं ओलावृष्टि से तबाह हो चुका है, लेकिन आज तक उन्हें गृह एवं फसल क्षति का मुआवजा नहीं मिला।
मौके पर किसान नेता सह अधिवक्ता देव किशोर देवता, किसान नेता अखिलेश कुमार, बीरबल चौपाल, दुखी तांती, छात्र नेता वसीम उद्दीन उर्फ नन्हें, राजदीप कुमार, रफी अहमद उर्फ मुन्ना, मजदूर नेता सरोज दास, धीरेंद्र दास, ज्ञानेश्वर शर्मा, धर्मेंद्र यादव, रमेश दास, संतोष दास, आनंद विजय, मानव, महिला नेत्री प्रमिला देवी समेत अन्य किसान मजदूर नेताओं ने कहा कि हमारी मांगों की अनदेखी की गई तो व्यापक संघर्ष होंगे एवं इसकी सारी जवाबदेही जिला प्रशासन एवं सरकार की होगी।