सहरसा/बिहार : मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए इबादत का मुकद्दस महीना माहे रमजान 25 अप्रैल से शुरू होने वाला है। मुस्लिम मोहल्लों में इफ्तार और सहरी के वक्त लॉक डाउन लागू होने की वजह से इस बार रौनक और चहलपहल देखने को नहीं मिलेगा। 25 अप्रैल से माहे रमजाम का मुकद्दस महीना शुरू हो रहा है। रमजाम के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ रोजा रखकर इबादत करते हैं और खास तौर पर सामुहिक रूप से मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा करते हैं।
लेकिन लॉकडाउन लागू होने से मस्जिदों में सामुहिक रूप से नमाज पढ़ने पर सरकार की तरफ से पाबंदी है। जिस वजह से इस बार सामुहिक रूप से न तो मस्जिदों में इफ्तार पार्टी होगी और न ही नमाज पढ़ी जाएगी। ऐसे में मस्जिदों में सख्ती से शोसल डिंस्टेन्स का पालन कराने के लिए बिहार के सहरसा में शुक्रवार के दिन मस्जिदों में लाउडस्पीकर के जरिए मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपने अपने घरों में नमाज पढ़ने के लिए अपील किया गया।
वहीं उत्तर प्रदेश के मदरसा शमसुल उलूम घोसी जिला मऊ के वर्तमान प्राचार्य सह सहरसा के नयाब काजी मौलाना मुफ़्ती मुमताज आलम मिसबाही ने भी जिला वासियों से अपील करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों से कहा है कि रमजान के महीने में सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक घरों में ही इफ्तार पार्टी करें इसके साथ ही सूरह तरावीह की नमाज के साथ साथ पांच वक्त का नमाज भी घरों पर ही पढ़े और अनावश्यक रूप कहीं भी भीड़ न लगाए ताकि कोरोना वाइरस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।