मधेपुरा/बिहार : लॉक डाउन के कारण जिले के हजारों लोग अभी भी बाहर फंसे हुए हैं । कई लोग जो जिले से बाहर अन्य जिले एवं अन्य राज्यों में काम कर अपने घर का भरण पोषण करते थे अब वे लोग वहीं फंस चुके हैं, जिनको लेकर राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन ने कवायद भी तेज कर दी है, लेकिन इन सबके बीच अभी भी लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें घर जाने के सिवाय और कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है । ऐसी स्थिति में लोग वाहन नहीं मिलने पर पैदल ही अपने घरों की ओर रुख कर रहे हैं ।
सोमवार को जिला मुख्यालय के सड़कों पर कई ऐसे लोग मिले जो दो दिन पूर्व, जहां काम किया करते थे, वहां से घर की ओर निकल पड़े हैं । पूर्णिया में मुरब्बा फैक्ट्री में काम कर रहे सहरसा जिला के बलुआहा निवासी मीनूतुल्ला, रईस एवं सगीर ने बताया कि वे लोग सोमवार की अहले सुबह लगभग चार बजे अपनी फैक्ट्री से घर की ओर निकल पड़े । उन्होंने बताया कि जब वह लोग अपने फैक्ट्री से निकले थे तो उन लोगों के पास ना तो खाने के लिए पैसे थे और ना ही खाने के लिए अनाज, ऐसी स्थिति में उन्हें भूखे प्यासे अपने घर की ओर रुख करना पड़ा ।
वही कटिहार में रहकर पढ़ाई कर रहे सहरसा जिले के पतरघट प्रखंड अंतर्गत मंगवार निवासी छात्र अस्वनी कुमार सिंह ने बताया कि वह कटिहार में रहकर पढ़ाई करता है, जब लॉक डाउन हुआ तो उसे लगा कि यह जल्दी खत्म हो जाएगा, लेकिन जब उसके पास पैसे एवं खाने-पीने का अभाव हो गया तो वह घर की ओर निकल पड़ा । उन्होंने बताया कि वह रविवार की सुबह ही कटिहार से निकला था, साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर लोगों में इस तरह भय समाया हुआ है कि रास्ते में कोई भी उन्हें पानी पिलाने तक भी तैयार नहीं हुआ ।