पटना/बिहार : कोरोना का डर शहर की खामोशी बता रही है पर इस खामोशी के बीच उन हजारों परिवारों की सुध लेने की किसी के पास समय नहीं जिनके घरों में दो दिनों से चूल्हा तक नहीं जला है । शहर में हजारों ऐसे परिवार हैं जो तिहारी मजदूरी कर अपना पेट पालते है, सरकार और जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों के लिए कोई योजना नहीं बनाई, कुछ लोग कोरोना से मर रहे कुछ लोग भूख से, इस बीच शहर का मिजाज आज लॉक डाउन के दूसरे दिन प्रशासन के शक्ति के बाद पूरी तरह खामोश हो गया ।
चौक चौराहे पर कई लोगों को पुलिस अपने अंदाज में समझाते हुए भी आज नजर आई । कोरोना के कहर व लॉक डाउन के बाद प्रशासन ने शक्ति बरती है । आज लॉक डाउन के दूसरे दिन पटना में सभी दुकानें प्रतिष्ठान बंद है । सड़कों पर इक्का-दुक्का लोग भी नजर नहीं आ आए, चौक चौराहे पर पुलिस की मुस्तैदी है । मीडिया कर्मियों की भी सघन जांच की जा रही है ।
तीस वर्षों के पटना प्रवास के दौरान पहली बार ऐसी खामोशी वीरानी से सामना हो रहा है । सगुना मोर से लेकर पटना सिटी तक पूरी सी चहल-पहल आपको पीएमसीएच के पास देखने को मिल सकती है । वहां दवाइयों की दुकानें खुली हुई, एंबुलेंस वाले मरीज के परिजन भी एका दुक्का संख्या में नजर आ जाता है । सगुना मोर के पास पुलिस का पहरा है आगे बढ़ते हैं आरपीएस मोड़ के पास भी पुलिस नजर आती है, गोला रोड मोर रूपसपुर ओवर ब्रिज राजा बाजार में भी खामोशी है । आइजीआइएम पास दो-चार दवा की दुकानें खुली हुई है । राजा बाजार ओवरब्रिज पार करने के बाद पुलिस मुख्यालय के पास पुलिस के जवान तैनात है । बेली रोड पंचमुखी महावीर मंदिर के पास भी खामोशी है, मंदिर का पट बंद है । बेली रोड में आगे बढ़ने के बाद पुनाइचाक हड़ताली मोड़ हाईकोर्ट मोड, इनकम टैक्स, वहां से दाहिने पार्टियों के मुख्यालय होते हुए वीरचंद पटेल मार्ग, r-block, जीपीओ गोलंबर तक इक्का-दुक्का लोग सड़कों पर नजर आते हैं । गुलजार रहने वाला न्यू मार्केट पूरी तरह खामोश है, सभी तरह की दुकानें बंद है । रिक्शा ऑटो सभी कुछ बंद, वहां से बुध मार्ग होते हुए कोतवाली टी तक सड़कों पर कुछ बच्चे नजर आ जाते हैं, जो कमला नेहरू इलाके के है । यह पटना का बहुत बड़ा स्लम इलाका है ।
डाक बंगला चौराहे पर पुलिस ने पूरी तरह से जेल बंदी कर रखी है । दर्जनों लोगों की जांच की जा रही है जो अपने वाहनों से अति आवश्यक कार्य वक्त बाहर निकले है । बैंक के ब्रांच खुले हुए हैं पर बाहर से ताला लगा हुआ है । फ्रेजर रोड एग्जीबिशन रोड गांधी मैदान अशोक राज पथ होते हुए महेंद्र फिर वापसी में सुल्तानगंज, भिखना पहाड़ी मोड़, नया टोला, गोपाल मार्केट, सब्जी बाग, नाला रोड, त्रिमुहानी सभी इलाकों में खामोशी है। कहीं-कहीं चौक चौराहे पर दवा की दुकानें खुली हुई है, पर उसमें भी भीड़ नदारद है । शासन प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कई इलाकों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि राशन दुकानदारों ने ऊंची दरों पर खाद्यान्न बेचना शुरू किया है । लौटने के दौरान शहर का हाल चाल लेते हुए हमने अपनी वापसी यात्रा गर्दनीबाग, चितकोहरा, अनीसाबाद मोड़, पुलिस कॉलोनी, फुलवारी शरीफ, आरुण नगर, एम्स हॉस्पिटल होते हुए खगौल, दानापुर स्टेशन से सगुना मोड तक की यात्रा की, इस दौरान फुलवारी शरीफ में थोड़ी सी हलचल नजर आई, सभी इलाके चौबीसों घंटे भीड़भाड़ से भरे रहते हैं पर इन इलाकों में पुलिस गश्ती गाड़ी को छोड़कर आज कुछ भी नजर नहीं आ रहा है ।