इस वक़्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस से परेशान है। 21 मार्च 2020 को इमारत ए शरिया फुलवारी शरीफ के कार्यालय में उलमाए केराम की एक बैठक हुई और कोरोना वायरस जैसी बीमारियों से बचने क लिए निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए।
एक ईमान वाले की ज़िम्मेदारी है की किसी भी मुसीबत संकट की स्थिति में कुरान और सुन्नत से रहनुमाई हासिल कीजिए, इस से घबराने और चिंता की जरूरत नहीं है, अल्लाह के आखरी संदेष्टा और पैग़ंबर मोहम्मद साहब ने इस तरह की बीमारियौ के बारे में जो बातें काही हैं उसे याद रखना चाहिए और एहतियाती उपायों के द्वारा उस से बचा जाना चाहिए। डॉक्टरों के निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। वर्तमान स्थिति मेंए एक एक व्यक्ति स्वच्छता और सफाई के जरिये इस वायरस से बच सकता है। मस्जिदों के लिए निम्नलिखित विशेष उपाय अपनाए जाने चाहिए।
1 लोग अपने घरों से साबुन से हाथ धो कर वुज़ू करें और सुन्नत पढ़ कर घर से निकलें और मस्जिदों में जमात के साथ नमाज़ पढ़ लें और बाक़ी सुन्नत घर में जाकर अदा करें ।
2 मुसफ़हा और मोआनका से बचें।
3 खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा या टिशू पेपर रखें।
4 वज़ू खाने, शौचालयए नलौं की खूब सफाई की जाये और लोटों को माँझ कर साफ कर लिया जाये
5 जिन लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार, बदन में दर्द या सांस की बीमारी हो वो घर में ही नमाज़ अदा करें ।
6 मस्जिद इंतेजामिया को चाहिए कि मस्जिद में रखे तौलिये और टोपियों को हटा लें ताकि लोग उन का इस्तेमाल ना करें ।
7 अपने कपड़े बदन और आस पास कि सफाई और पाकीज़गी का खयाल रखें, सफाई सफाई इस्लाम का पसंदीदा काम है और इसे ईमान का हिस्सा कहा गया है ।
8 मस्जिदों में बिछे मुसल्ले हटा लिए जाएँ और अच्छी तरह मस्जिद के फर्श को पानी और दावा से धो दें और यह काम हर जुमा को करें ।
9 मस्जिदों मे हर तीन लाइनों कि जगह दो लाइन ही बनाई जाये ।
10 इमाम को चाहिए कि जुमा कि तक़रीर को मुख़तसर यानि छोटा करें और उस में अल्लाह कि तरफ ध्यान लगाने का ज़िक्र हो दुआ बताई जाए और लोगों को कोरोना वायरस से बचने का तरीका भी बताएं
11 जिन मस्जिदों में जुमा के रोज़ ज़्यादा भीड़ होती है उस मे दो मर्तबा जुमा की नाममाज पढ़ी जाये, दोनों जमात में वक़्त का इतना फर्क हो की पहली जमात के सारे नमाज़ी मस्जिद से निकाल जाएँ ए दूसरी जमात के इमाम भी दूसरे हों ।
12 हर नमाज़ में विशेष रूप से इस बीमारी और एन पी आर की मुसीबत से महफूज रहने और बचने की दुआ की जाये।
13 ज्यादा से ज्यादा तौबा और इसतिगफार करें अल्लाह के नबी ने मुसीबत और संकट के समय ज्यादा से ज्यादा तौबा और इसतिगफार करने को कहा है ।