दरभंगा   : डीएमसीएच से कोरोना के दो संदिगध भागने की बात निकली अफवाह, सोशल मीडिया और कई चैनलों पर चलती रही खबर

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ज़ाहिद अनवर (राजु)
उप संपादक

दरभंगा/बिहार :  आज दिन भर सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में यह समाचार चलाया जा रहा था कि कोरोना वायरस से संक्रमित 2 मरीज डीएमसीएच से फरार हो गये हैं। जिलाधिकारी दरभंगा डॉ त्यागराजन एस एम के संज्ञान में यह मामला आते ही अधीक्षक डीएमसीएच एवं अन्य अधिकारियों के साथ पुरे मामले की समीक्षा की गयी। समीक्षा में पाया गया कि फरार मरीजों में एक अररिया जिला की लगभग सात साल की बच्ची थी। उक्त बच्ची की चिकित्सा हेतु डीएमसीएच में भर्ती करने के बाद उसके परिजन के लिखित अनुरोध पर उसे आइजीआईएमएस, पटना भेजा गया है। वह बच्ची फरार नहीं हुई है। उसका सम्पूर्ण व्यौरा, घर का पता, मोबाइल नंबर आदि जिला प्रशासन अररिया से भी शेयर किया गया है। उक्त मरीज की लगातार ट्रेसिंग की जा रहीं है।

वहीं दूसरा मरीज दरभंगा के भीगो गांव का रहने वाला बताया गया है। इन्हें दौरा आने की शिकायत थी। इसलिए वे दौरा का इलाज कराने के लिये डीएमसीएच आये थे लेकिन जब उन्हें ट्राली से ले जाया जा रहा था तो वे अचानक उठकर भाग गये। अस्पताल में उनका घर का पता, मोबाइल नंबर मौजूद है। इन्हें ढूंढने इनके घर पर पुलिस भेजी गयी तो वह घर पर ही मिला। ये मछली मारने का काम करते हैं। इनकी उम्र लगभग 35 साल है ।

इनके विदेश (दुबई) से लौटने का कोई इतिहास नहीं है। मालूम हो कि कोरोना वायरस की जाँच की जरूरत तभी होती है जब कोरोना वायरस से संक्रमण के संदर्भ में निर्धारित मापदंड (protocol) के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी ज्ञात कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के सम्पर्क में आया था अथवा खुद कोरोना वायरस के लक्षण के साथ विदेश से लौटा है। उक्त दोनों ही परिश्थितियों में ऐसे मरीजों की कोरोना वायरस की जाँच करनी है। सभी सर्दी, खांसी, बुखार आदि से पीड़ित मरीजों की कोरोना की जाँच करने की जरूरत नहीं है। जिलाधिकारी द्वारा लोंगो से अफवाहों से बचने की पुनः अपील की है।


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