पटना/बिहार : कोरोना वायरस तेजी से दुनिया भर में फैल रहा है, जिससे स्थिति भयावह होती जा रही है, इस संक्रमण से सबको बचना चाहिए जिसमें महत्वपूर्ण उपाय करना होगा ,खुद के प्रति सभी को जिम्मेदार बनना पड़ेगा, इस संक्रमण से बचने के सभी को जागरूक होना पड़ेगा।
कोरोना वायरस से बचने के लिए निम्नलिखित तरीके है जिसकी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस पर यकीन करने का कोई कारण नहीं है कि ठंड का मौसम नए कोरोना वायरस या अन्य बीमारियों को मार सकता है। कोरोना से खुद को बचाने के लिए सबसे बेहतर तरीका अल्कोहल युक्त सैनीटाइजर या साबुन और पानी से हाथ को साफ करते रहना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यह भी खुलासा किया है कि गर्म पानी से नहाने से नए कोरोना वायरस की रोकथाम नहीं की जा सकती है। कोरोना से बचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका अपने हाथों की सफाई करना है। ऐसा करने से आप अपने हाथों पर लगने वाले संक्रमण को खत्म कर सकते हैं।
इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस मच्छर काटने से हो सकता है। यह श्वसन संबंधी वायरस है, जो मुख्यरूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से फैसला है। इस संक्रमण से बचने के लिए हमेशा हाथ धोएं और खांसी व छींकने वाले किसी भी शख्स के साथ निकट संपर्क से बचें। इसके अलावा लार के जरिए भी यह वायरस फैलता है। WHO के मुताबिक, नए कोरोना वायरस को मारने में हैंड ड्रायर्स कारगर नहीं है। इससे बचाव के लिए हमेशा अपने हाथों को अल्कोहल युक्त हैंडवॉश से साफ करें या साबुन पानी से हाथ धोते रहें, इससे बचने का सबसे कारगर तरीका यही है। हाथ धोने के बाद टिश्यू पेपर या हैंड ड्रायर्स से हाथ साफ कर सकते हैं। कोरोनावायरस (कोवाइड-19) में पहले बुख़ार होता है, इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
हालांकि, इन लक्षणों का मतलब ये नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है। कुछ और वायरस में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं जैसे ज़ुकाम और फ्लू में.सिरदर्द।कोरोना वायरस का लक्षण -नाक बहना, खांसी, गले में ख़राश, बुखार, अस्वस्थता का अहसास होना, छींक,आना, अस्थमा का बिगड़ना, थकान महसूस करना, निमोनिया, फेफड़ों में सूजन।
कोरोना वायरस बेहद आम होते हैं। इसके शुरुआती लक्षणों से अंदाजा लगाया जा सकता है, सांस लेने में थोड़ी तकलीफ़, खांसी या फिर बहती हुई नाक। लेकिन कोरोना परिवार के कुछ वायरस बेहद ख़तरनाक़ होते हैं जैसे सार्स (सिवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) ।
वुहान से शुरू हुई इस महामारी के लिए जिम्मेदार विषाणु को नॉवेल कोरोना वायरस या nCoV का नाम दिया गया है। मालूम पड़ता है कि ये कोरोना परिवार की एक नई नस्ल है जिसकी पहचान अभी तक इंसानों में नहीं हो पाई थी।
कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में ऐसा लगता है कि इसकी शुरुआत बुखार से होती है और फिर उसके बाद सूखी खांसी का हमला होता है।हफ़्ते भर तक ऐसी ही स्थिति रही तो सांस की तकलीफ़ शुरू हो जाती है। लेकिन गंभीर मामलों में ये संक्रमण निमोनिया या सार्स बन जाता है, किडनी फेल होने की स्थिति बन जाती है और मरीज़ की मौत तक हो सकती है।
आप सभी से निवेदन है कि आप इस भयावह स्थिति से बचे, आपने को पूर्णतः सुरक्षित रखने की कोशिश करे जिसके लिए आप खुद के प्रति जिम्मेवार रहे, अपने बच्चों के प्रति सतर्क रहें ,अनावश्यक बच्चों को भी भीड़ वाले जगह पर न ले जाये ,आप खुद भी नही जाए, अनावश्यक किसी के हाथों को न छुए खासकर उसका जो दूर दराज से यात्रा करके आये हो, हमेशा हैंडवाश का प्रयोग करे।
( डा. प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर के प्रमुख, डॉ राणा एस पी सिंह व राज ट्रामा हास्पिटल पटना के प्रमुखडॉ विजय राज सिंह से वरिष्ठ पत्रकार अनूप नारायण सिंह बातचीत पर आधारित)