मधेपुरा/बिहार : जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण जैसी समस्याओं से निपटने के लिए शिक्षा विभाग पटना द्वारा आदेश जारी किया गया है कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में हर महीने के पहले मंगलवार को जन जीवन हरियाली दिवस के रूप में मनाया जाय। इसी आदेश को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में भी जल जीवन हरियाली विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
जिसकी अध्यक्षता करते हुए बीएड विभागाध्यक्ष डा ललन प्रकाश सहनी ने मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ये एक दूरदर्शी योजना है। जिसका उद्देश्य बहुत पवित्र है। आज ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन से संपूर्ण विश्व त्रस्त है। प्रदूषण की वजह से आज विश्व में कई लोग कई बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। हमारे भारत के कई शहरों में जल का स्तर न्यूनतम होता जा रहा है। कहीं अतिवृष्टि हो रही है, तो कहीं अनावृष्टि हो रही है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पौधा लगाना आवश्यक है, ताकि प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके। बीएड विभाग के शिक्षक डा पवन कुमार पाल ने कहा कि जल, जीवन का आधार है। इसलिए जल सरंक्षण बहुत जरुरी है। साथ ही उन्होंने पौधारोपण के महत्व पर चर्चा की। डा वीर बहादुर ने कहा कि वृक्ष, वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण को भी नियंत्रित करते हैं। प्रो राम सिंह यादव ने ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत जैसे सौर ऊर्जा के उपयोग पर बल देने की बात कही। प्रो रुचि सुमन ने कहा कि वृक्षों की अंधाधुंध कटाई प्रदूषण का सबसे बड़ा जिम्मेदार है। डा शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि स्वअनुशाषित होकर भी हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। डा फिरोज मंसूरी ने कहा कि आधुनिकीकरण ने पर्यावरण को सबसे अधिक प्रभावित किया है। अपने संस्कृति को बनाये रख कर हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। प्रो रोविन्स कुमार ने भी पौधारोपण के महत्व पर अपनी बात रखी।
बीएड विभाग के छात्र छात्राओं में कुमारी जुली, पल्लवी राय, अन्नू, अल्का, सुप्रिया, कंचन, रिकेबी, जुली रानी, मिल्टन, सुनील, ब्रजेश, संजीव, प्रीत, आदित्य, वीरभूषण, राहुल, अभिषेक, निशांत, बिट्टू, विवेक, शिवम शुभम आदि ने भी जल जीवन और हरियाली विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। साथ ही विभाग के सभी शिक्षक एवं छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण एवं सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन आलोक कुमार ने किया।