मधेपुरा/बिहार : जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शुभारंभ सात मार्च को बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के द्वारा किया जायेगा। उदघाटन को लेकर प्रशासनिक चहल कदमी तेज हो गयी है। कॉलेज में एक सौ से अधिक डॉक्टरों की बहाली की गयी है। अस्पताल में पारा मेडिकल स्टॉफ की बहाली की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री के आगमन तथा अस्पताल के उद्घाटन में कोई कमी ना रह जाए, इसके लिए अस्पताल प्रशासन तथा जिला प्रशासन कार्य में जुटी हुई है। महाविद्यालय में सभी ओर रंग रोगन का कार्य किया जा रहा है। मुख्य सड़क से लेकर अस्पताल तक पहुंचने वाली सड़क बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हेलीकॉप्टर भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के नए कैंपस के क्रीडा मैदान में उतरेगी। हेलीकॉप्टर के उतरने के लिए भी हेलीपैड बनाई जा रही है।
कार्यक्रम में किसी प्रकार की न रहे कमी, इसका रखें ख्याल : मुख्यमंत्री के वर्षों पूर्व घोषणा के बाद मधेपुरा समेत सीमांचल के लगभग लाखों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा का सपना साकार होने जा रहा है। सात मार्च को सीएम द्वारा 781 करोड़ रूपये की लागत से बने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू होगी। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर बिहार मेडिकल कॉलेज इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड, मेडिकल कॉलेज का नक्शा बनाने वाली कंपनी एडमेक, निर्माण में लगे एलएंडटी कंपनी के पदाधिकारियों तथा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत सभी पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है कि वे सात मार्च तक सभी काम पूरा कर अधिकारियों को जानकारी दें. कार्यक्रम में किसी प्रकार की कमी न रहे, इसका ख्याल रखें। हालांकि अभी तक निर्माण कंपनी के द्वारा मेडिकल कॉलेज भवन कॉलेज प्रबंधन को हस्तांतरित नहीं किया है। आशंका जतायी जा रही है कि उद्घाटन के पूर्व हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण हो जायेगी।
अस्पताल के शुरू होने से जिले के साथ कोसी क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधा होगी दुरूस्त : जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के शुरू हो जाने से गरीबी के कारण अपना इलाज नहीं करवा पाने वाले लोगों को काफी मदद मिलेगी। जिले में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति ठीक नहीं है, सदर अस्पताल में आईसीयू है। लेकिन सिर्फ भवन है पर स्टोर में तब्दील है। इमरजेंसी में मरीजों को दरभंगा, पटना, पूर्णिया एवं सिलिगुड़ी रेफर किया जाता है। ऐसी स्थिति में कई बार बड़े अस्पताल में जाने से पहले ही मरीजों की हालत और गंभीर या कभी-कभी मौत भी हो जाती है। इसके अलावा कोसी क्षेत्र में कई विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी कमी है। जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के शुरू होने से क्षेत्र के लोगों को उपाचार के लिये कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एमसीआई टीम के हरी झंडी मिलने के बाद शुरू होगी डॉक्टरी की पढ़ाई : जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल ओपीडी शुरू करने के पूर्व तैयारी को लेकर एक सौ से अधिक डॉक्टर पदस्थापित किये गये हैं। कार्यालय कार्य को लेकर 40 कार्यपालक सहायक बहाल हो चुके हैं। एएनएम समेत अन्य पदों के लिए भी बहाली चल रही है, जो जल्द पूरी हो जायेगी. मेडिकल कॉलेज के आस-पास में भी कई दुकानें खुलने लगी हैं। सिविल सर्जन डा सुभाषचंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि गत दिनों महाविद्यालय का निरीक्षण किया था। इतना ही नहीं पिछले माह जब मुख्यमंत्री मधेपुरा आये थे तो उसी समय स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने मेडिकल कॉलेज में इलाज शुरू कराने की बात कही थी। यहां इलाज शुरू हो जाने के बाद कभी भी एमसीआई की टीम आ सकती है और टीम से हरी झंडी मिलने के बाद यहां अगले सत्र से डॉक्टरी की पढ़ाई शुरू हो जायेगी।
मधेपुरा में कोसी तथा सीमांचल समेत सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल : महाविद्यालय एवं अस्पताल अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है। यह अस्पताल कोसी तथा सीमांचल समेत सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल है, इसमें पांच सौ बेड है। यहां हर वार्ड में पाचास बेड रहेगा। अस्पताल में छह डायलिसिस यूनिट, एसी ऑडिटोरियम एवं मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर भी होगा। रोगियों व परिजनों के लिए कैंटीन की भी व्यवस्था की जायेगी। रोगियों की सुविधा के लिये अस्पताल परिसर में एसबीआई की शाखा खोली गई है। बीएन मंडल विश्वविद्यालय के नये कैंपस के समीप 25 एकड़ क्षेत्र में 781 करोड़ रूपये की लागत से 500 बेड का बना मल्टीस्पेशियलिटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 13 अन्य बड़े-बड़े ब्लॉक भी बने हैं। इस अस्पताल के शुरू हो जाने के बाद मधेपुरा के अलावा सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, खगड़िया तथा नवगछिया आदि जिले के लगभग 30 लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।